हथिनीकुंड बैराज से छोड़ा गया पानी बढ़ा सकता है दिल्ली में बाढ़ का खतरा, यमुना का जलस्तर चेतावनी के करीब

हरियाणा स्थित हथिनीकुंड बैराज से 54,707 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद यमुना नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। अधिकारियों के अनुसार, यह पानी अगले 48 से 50 घंटों में दिल्ली पहुंच सकता है, जिससे राजधानी में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। फिलहाल यमुना नदी मंगलवार शाम तक 202.24 मीटर के स्तर पर बह रही थी, जबकि चेतावनी स्तर 204.5 मीटर निर्धारित है।
अगर आने वाले दिनों में भारी बारिश जारी रही, तो जलस्तर और बढ़ सकता है, जिससे निचले इलाकों में गंभीर स्थिति उत्पन्न हो सकती है। संभावित खतरे को देखते हुए प्रशासन ने त्वरित कदम उठाते हुए राहत सामग्री, टेंट और नावों की व्यवस्था शुरू कर दी है। साथ ही संवेदनशील क्षेत्रों में निगरानी बढ़ा दी गई है और लोगों से सतर्क रहने की अपील की गई है।
गौरतलब है कि पिछले वर्ष दिल्ली बाल-बाल बाढ़ से बच गई थी, जब सितंबर के अंत में यमुना का जलस्तर 204.38 मीटर तक पहुंच गया था। इसके विपरीत, जुलाई 2023 में आई भीषण बाढ़ के दौरान यमुना का जलस्तर रिकॉर्ड 208.66 मीटर तक पहुंच गया था और हथिनीकुंड से अधिकतम 3.59 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। उस दौरान मयूर विहार, आईटीओ, सलीमगढ़ बाईपास और सिविल लाइंस जैसे कई इलाके जलमग्न हो गए थे और हजारों लोगों को विस्थापित होना पड़ा था।
दिल्ली सरकार की मौजूदा बाढ़ नियंत्रण योजना के अनुसार, पहली चेतावनी तभी जारी की जाती है जब हथिनीकुंड से पानी का बहाव 1 लाख क्यूसेक से अधिक हो जाता है। हालांकि, वर्तमान स्तर अभी इस सीमा से नीचे है। सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग ने स्पष्ट किया है कि निर्धारित सीमा पार होते ही सेक्टर-स्तरीय कंट्रोल रूम सक्रिय कर दिए जाएंगे, नावें तैनात होंगी और संवेदनशील इलाकों पर सतत निगरानी रखी जाएगी।
इधर देशभर में मानसून सक्रिय है और कई राज्यों में भारी बारिश के कारण नदियों व जलाशयों में उफान देखा जा रहा है। दिल्ली-एनसीआर की बात करें तो बुधवार शाम हुई जोरदार बारिश के बाद से राजधानी में आसमान में काले घने बादल छाए हुए हैं और रुक-रुक कर बारिश जारी है। मुंबई में भी समुद्र में हाई टाइड की चेतावनी जारी की गई है, जिससे कई तटीय इलाकों में अलर्ट घोषित कर दिया गया है।