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भारत की युवा इंटरनेशनल मास्टर दिव्या देशमुख ने रचा इतिहास, फिडे वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में पहुंचीं

भारत की उभरती हुई शतरंज खिलाड़ी इंटरनेशनल मास्टर दिव्या देशमुख ने फिडे वर्ल्ड महिला शतरंज कप के सेमीफाइनल में धमाकेदार प्रवेश किया है। उन्होंने अपने से ऊंची रैंकिंग वाली अनुभवी हमवतन डी. हरिका को रैपिड टाईब्रेक में 2-0 से मात दी। क्लासिकल मुकाबले की दोनों बाजियां ड्रॉ रही थीं, जिसके बाद टाईब्रेक में दिव्या ने पहला गेम जीतकर हरिका पर दबाव बना दिया और फिर दूसरा गेम भी जीतकर मुकाबला अपने नाम कर लिया।

हरिका इससे पहले तीन बार इसी प्रारूप में सेमीफाइनल तक पहुंच चुकी हैं, जब इस प्रतियोगिता को वर्ल्ड महिला चैंपियनशिप कहा जाता था। लेकिन इस बार दिव्या ने बाजी मारते हुए इतिहास रच दिया। कोनेरू हम्पी और अब दिव्या — ये दो भारतीय खिलाड़ी महिला वर्ल्ड कप के अंतिम चार में पहुंचने वाली गिनी-चुनी शतरंज सितारों में शामिल हो गई हैं।

फिडे वर्ल्ड कप, वर्ल्ड चैंपियनशिप चक्र का हिस्सा है और इसका सीधा असर अगले साल होने वाले *महिला कैंडिडेट्स टूर्नामेंट* पर पड़ेगा। इसका मतलब है कि भारत की ओर से कम से कम एक खिलाड़ी का उस टूर्नामेंट में खेलना तय हो गया है।

सेमीफाइनल में चीन की चुनौती

सेमीफाइनल मुकाबलों में दोनों भारतीयों को कड़ी चुनौती मिलेगी। कोनेरू हम्पी का सामना शीर्ष वरीयता प्राप्त लेई टिंगजी चीन से होगा, जबकि दिव्या देशमुख का मुकाबला पूर्व विश्व चैंपियन तान झोंगयी (चीन) से होगा।

एक दशक से भी अधिक समय से भारत की सर्वोच्च रैंकिंग वाली खिलाड़ी कोनेरू हम्पी पहली बार महिला वर्ल्ड कप के अंतिम चार में पहुंची हैं। दिव्या का उनके साथ सेमीफाइनल में पहुंचना इस बात का संकेत है कि भारतीय महिला शतरंज अब पुरुषों की तरह वैश्विक मंच पर अपनी मौजूदगी मजबूती से दर्ज करा रही है।

 

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