बिहार वोटर लिस्ट विवाद: चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में दी सफाई, विपक्ष के आरोपों को बताया भ्रामक

बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर जहां विधानसभा में राजनीतिक घमासान जारी है, वहीं चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर विपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। आयोग ने विशेष पुनरीक्षण प्रक्रिया के खिलाफ दायर याचिकाओं को समय से पहले बताया और इन्हें खारिज करने की मांग की है।
चुनाव आयोग ने अपने हलफनामे में कहा है कि कुछ राजनीतिक दलों ने यह तथ्य छिपाया कि वे स्वयं इस प्रक्रिया में भाग ले रहे हैं और बूथ लेवल ऑफिसरों के माध्यम से इसमें सहयोग भी कर रहे हैं। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि वोटर लिस्ट में नाम शामिल कराने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य नहीं है। यह केवल एक सपोर्टिंग डॉक्युमेंट के रूप में स्वीकार्य है, लेकिन 11 अन्य वैध दस्तावेजों में शामिल नहीं है।
आयोग के अनुसार, 90% से अधिक लोगों ने अब तक आवश्यक फॉर्म जमा करवा दिए हैं, जबकि 18 जुलाई 2025 तक केवल 5% लोगों ने फॉर्म जमा नहीं किए थे। आयोग ने कहा कि जानबूझकर इस प्रक्रिया को लेकर गलतफहमियां और अफवाहें फैलाई जा रही हैं, जिससे जनता में भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है।
क्या है मामला?
24 जून 2025 को भारत निर्वाचन आयोग ने बिहार में वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण का आदेश जारी किया था। यह प्रक्रिया 25 जून से 26 जुलाई 2025 तक चल रही है, जिसका उद्देश्य 7.89 करोड़ मतदाताओं की सूची को शुद्ध करना है। इसके तहत फर्जी, मृत या स्थानांतरित मतदाताओं के नाम हटाए जाने हैं। इस प्रक्रिया के अंतर्गत BLO घर-घर जाकर गणना प्रपत्र वितरित कर रहे हैं। मतदाताओं को अपनी पहचान और नागरिकता साबित करने के लिए 11 वैध दस्तावेजों में से कोई एक* जमा कराना होता है।
विपक्ष की आपत्तियां
विपक्षी दलों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और कुछ नागरिक संगठनों ने इस प्रक्रिया की *टाइमिंग, पारदर्शिता और संभावित राजनीतिक प्रभावों* को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं। उनका आरोप है कि यह पूरी प्रक्रिया सत्ताधारी दल के इशारे पर की जा रही है, ताकि 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले *मतदाता सूची में मनमानी छंटनी* की जा सके।हालांकि, चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में यह साफ कर दिया है कि यह एक नियमित प्रक्रिया है, जिसका उद्देश्य केवल **मतदाता सूची को अद्यतन और विश्वसनीय बनाना हैं, न कि किसी विशेष वर्ग या समूह को निशाना बनाना।