अवैध धर्मांतरण मामले में बड़ा खुलासा: यूपी एटीएस ने बलरामपुर कोर्ट के क्लर्क को किया गिरफ्तार, स्विट्जरलैंड तक फैला नेटवर्क

उत्तर प्रदेश में अवैध धर्मांतरण और मनी लॉन्ड्रिंग के बड़े मामले की जांच कर रही यूपी एटीएस को एक और बड़ी सफलता मिली है। जांच एजेंसी ने बलरामपुर जिला एवं सत्र न्यायालय के क्लर्क राजेश उपाध्याय को गिरफ्तार किया है। राजेश की गिरफ्तारी की वजह उसकी पत्नी संगीता देवी के तार छांगुर बाबा से जुड़े होने को बताया गया है।
महाराष्ट्र की 16 करोड़ की डील से हुआ शक
एटीएस के अनुसार, छांगुर बाबा और उसके सहयोगी नवीन रोहरा ने महाराष्ट्र के पुणे जिले के कुनेनामा गांव में 16 करोड़ रुपये की जमीन खरीदी थी। इस डील में राजेश की पत्नी संगीता देवी का भी मुनाफे में हिस्सा था। संगीता बलरामपुर कोर्ट में सीजीएम कार्यालय में तैनात हैं। जमीन से जुड़े दस्तावेजों में संगीता की भागीदारी सामने आने के बाद, राजेश उपाध्याय की संलिप्तता भी उजागर हुई और एटीएस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
अब तक 8 गिरफ्तारियां, करोड़ों की मनी लॉन्ड्रिंग का पर्दाफाश
एटीएस इस नेटवर्क में अब तक आठ लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। अप्रैल में सबसे पहले छांगुर के बेटे महबूब और उसके सहयोगी नवीन उर्फ जमालुद्दीन को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद 5 जुलाई को लखनऊ के एक होटल से छांगुर और उसकी करीबी नीतू उर्फ नसरीन को पकड़ा गया। 18 जुलाई को बलरामपुर से रशीद, 19 जुलाई को शहाबुद्दीन और मो. सबरोज को गिरफ्तार किया गया। अब 21 जुलाई को राजेश उपाध्याय की गिरफ्तारी हुई है।
स्विट्जरलैंड में बैंक अकाउंट और विदेशी फंडिंग का खुलासा
जांच में सामने आया है कि नीतू के नाम पर स्विट्जरलैंड में बैंक खाता खोला गया था, जिसमें शारजाह, दुबई और भारत से अवैध रूप से जुटाए गए करोड़ों रुपये भेजे गए। छांगुर बाबा ने नीतू, नवीन और अन्य सहयोगियों के नाम पर दर्जनों शेल कंपनियों और फर्जी बैंक खातों के माध्यम से मनी लॉन्ड्रिंग की। अब तक 22 बैंक खातों से 60 करोड़ रुपये के ट्रांजेक्शन के प्रमाण मिले हैं, जबकि 40 करोड़ रुपये की 10 संपत्तियों के दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं।
हालांकि अभी तक छांगुर बाबा का सीधा संबंध पनामा पेपर्स से नहीं मिला है, लेकिन जांच एजेंसियां अंतरराष्ट्रीय फंडिंग और हवाला नेटवर्क की गहराई से पड़ताल कर रही हैं।