बिहार में बढ़ता अपराध बना सियासी बहस का मुद्दा, विपक्ष ने नीतीश सरकार को घेरा

बिहार में हाल के दिनों में अपराध का ग्राफ तेजी से बढ़ा है। राजधानी पटना सहित राज्य के कई जिलों से हत्या, लूट और गोलीबारी की लगातार खबरें सामने आ रही हैं। राज्य में कानून व्यवस्था की बिगड़ती हालत अब एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन चुकी है। विपक्ष मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी सरकार पर हमलावर है, जबकि एनडीए सरकार अपनी कार्रवाई का बचाव कर रही है।
ताजा आंकड़ों की बात करें तो जुलाई के शुरुआती 14 दिनों में ही राज्य में 50 से अधिक हत्या की घटनाएं दर्ज की गई हैं। यह आंकड़ा न सिर्फ डरावना है, बल्कि इस बात की ओर भी इशारा करता है कि अपराधियों में कानून का खौफ कम होता जा रहा है।
तेजस्वी-राहुल ने साधा निशाना
विपक्षी नेता तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार पर तीखा हमला करते हुए कहा, “नीतीश कुमार अब अचेत अवस्था में हैं, बिहार उनसे नहीं संभल रहा। लेकिन पीएम मोदी को भी अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए, क्योंकि बिहार में एनडीए की सरकार है। अगर मोदी के नाम पर वोट मिलता है, तो कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी भी उन्हीं की है।”
वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री कुर्सी बचाने में लगे हैं और बीजेपी के मंत्री भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं।
सरकार का पलटवार
डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा, “आज की स्थिति के लिए आरजेडी जिम्मेदार है। उसी ने अपराधियों के हौसले बढ़ाए थे। नीतीश सरकार अपराधियों को बख्शने वाली नहीं है, चाहे बुलडोजर चलाना पड़े या एनकाउंटर करना पड़े।”
केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि “हालात जरूर गंभीर हैं, लेकिन पहले से बेहतर हैं। पहले अपराधियों पर कोई कार्रवाई नहीं होती थी, अब सख्त कार्रवाई की जा रही है और दोषियों को सज़ा भी मिल रही है।”
निष्कर्ष
बिहार में बिगड़ती कानून व्यवस्था अब सियासी मुद्दे का रूप ले चुकी है। जहां विपक्ष इसे नीतीश सरकार की नाकामी बता रहा है, वहीं सरकार कार्रवाई के दावे कर रही है। लेकिन सवाल अब भी यही है—क्या इन दावों के बीच बिहार सुरक्षित हो पाएगा?