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उत्तराखंड में धामी सरकार का बड़ा कदम : 40 आईएएस अधिकारियों को सौंपे गए गोद लिए गांवों के विकास की जिम्मेदारी

देहरादून | उत्तराखंड सरकार ने राज्य के सुदूरवर्ती गांवों के समग्र विकास की दिशा में एक अहम पहल करते हुए 40 वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों को उनके द्वारा गोद लिए गए गांवों की जिम्मेदारी सौंप दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की इस अभिनव पहल का उद्देश्य विकसित उत्तराखंड और विकसित भारत के सपने को साकार करना है।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि गांवों का कायाकल्प राज्य के समग्र विकास की नींव है। इस अभियान के तहत, प्रत्येक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी को अपने प्रथम नियुक्ति स्थल को गोद लेकर वहां विकास कार्यों की निगरानी और मार्गदर्शन करना होगा।

विस्तृत कार्ययोजना और ज़मीनी जुड़ाव

इस योजना के तहत अधिकारी न केवल गांवों की भौगोलिक और सामाजिक स्थितियों का आकलन करेंगे, बल्कि स्थानीय लोगों से मिलकर उनकी समस्याओं को भी समझेंगे। कई अधिकारियों ने पहले ही रात्रि प्रवास कर ग्रामीणों से संवाद शुरू कर दिया है।

प्रत्येक अधिकारी को सीएसआर, राज्य सेक्टर, जिला योजना और वित्त आयोग से मिलने वाली धनराशि के शत-प्रतिशत उपयोग की रणनीति तैयार करनी होगी। साथ ही, अधिकारियों को यह भी बताना होगा कि नियुक्ति के बाद उस क्षेत्र में क्या बदलाव हुए हैं।

प्रशासनिक सक्रियता को मिली कानूनी मान्यता

20 मई 2025 को मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन द्वारा इस संबंध में आदेश जारी किया गया था। इसमें ₹8700 या उससे अधिक ग्रेड-पे वाले भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को अपनी पहली पोस्टिंग वाले क्षेत्र को गोद लेने की अपेक्षा की गई थी।

राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि इस पहल में स्थानीय जनप्रतिनिधियों, पंचायतों और स्वयंसेवी संगठनों का सहयोग भी लिया जाएगा, ताकि योजनाएं सिर्फ कागज पर न रह जाएं, बल्कि जमीनी हकीकत बनें।

मुख्यमंत्री धामी का विजन

सीएम धामी ने कहा, “विकसित गांवों के बिना विकसित राष्ट्र की कल्पना अधूरी है। हमारी सरकार गांवों के समग्र विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। यह योजना सिर्फ एक प्रशासनिक कवायद नहीं, बल्कि उत्तराखंड को अग्रणी राज्यों में शामिल करने की दिशा में ठोस कदम है।

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