उत्तर प्रदेशप्रदेश

शुभांशु की कामयाबी पर लखनऊ में जश्न, CMS ऑडिटोरियम में गूंजी तालियां

लखनऊ। सिटी मोन्टेसरी स्कूल के छात्र ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने आज अन्तर्राष्ट्रीय अन्तरिक्ष स्टेशन पर पहुँचकर लखनऊ ही नहीं अपितु देश के स्वर्णिम इतिहास में एक नया कीर्तिमान जोड़ दिया। भारतीय समयानुसार आज शाम ठीक 4 बजकर 34 मिनट पर जैसे ही ग्रुप कैप्टन शुभांशु ‘शुक्स’ शुक्ला का स्पेसएक्स क्रू ड्रैगन अंतरिक्ष यान पृथ्वी से लगभग 400 किलोमीटर ऊपर अन्तर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आई.एस.एस.) से सफलतापूर्वक जुड़ा, वो एक होनहार फाइटर पायलट से एक गर्वित भारतीय अंतरिक्ष यात्री के रूप में तब्दील हो गये। शुभांशु अब एक्सिओम-4 मिशन के पायलट के तौर पर मनुष्यों द्वारा बनाई गई सबसे उन्नत प्रयोगशाला ‘अन्तर्राष्ट्रीय अन्तरिक्ष स्टेशन’ पर सवार है और उनके साथ नासा की वरिष्ठ अंतरिक्ष यात्री डा. पेगी व्हिट्सन के साथ ही पोलैंड व हंगरी के सदस्य भी हैं।

शुभांशु की इस गौरवमयी व प्रेरणादायी उपलब्धि का जश्न आज सी.एम.एस. कानपुर रोड ऑडिटोरियम में बड़े उत्साह से मनाया गया। जैसे ही शुभांशु का ड्रैगन कैप्सूल अन्तर्राष्ट्रीय अन्तरिक्ष स्टेशन से जुड़ने को तत्पर हुआ, समस्त लखनऊवासियों में एक बार फिर से भावनाओं का ज्वार उमड़ पड़ा। सी.एम.एस. कानपुर रोड कैम्पस में शुभांशु के अन्तरिक्ष यान की डाकिंग का सजीव प्रसारण देख रहे उनके माता-पिता व बहनों के साथ ही बड़ी संख्या में उपस्थित छात्र, शिक्षक, अभिभावक व प्रबुद्ध नागरिक इन अविस्मरणीय पलों को अपनी यादों में सहजने को बेचैन दिखे। शुभांशु के अन्तर्राष्ट्रीय अन्तरिक्ष स्टेशन में प्रवेश करते सी.एम.एस. कानपुर रोड ऑडिटोरियम तालियों की जोरदार गड़गड़ाहट, जय-जयकार के नारे व उत्साह व हर्ष की ध्वनियों से गुंजायमान हो उठा, जो इस बात का प्रतीक भी था कि डाकिंग की सम्पूर्ण प्रक्रिया सफल हो गई है। लगभग 24 घंटे पहले ही सभी ने सी.एम.एस. कानपुर रोड ऑडिटोरियम में सजीव प्रसारण के जरिये शुभांशु को अन्तरिक्ष में प्रक्षेपित होते हुए भी देखा था।

डाकिंग के उपरान्त आयोजित छात्रों व शिक्षको को सम्बोधित करते हुए सी.एम.एस. प्रबन्धक प्रो. गीता गाँधी किंगडन ने कहा कि सितारों ने हमारे ही एक सदस्य को गले लगा लिया है। शुभांशु शुक्ला की कहानी हर एक बच्चे को प्रेरणा देती है कि यदि आपकी जड़ें गहरी हैं, तो आपके पंख आपको अंतरिक्ष तक ले जा सकते हैं। सी.एम.एस. संस्थापिका-निदेशिका डा. भारती गाँधी ने कहा कि सी.एम.एस. की कक्षाओं से लेकर अन्तर्राष्ट्रीय अन्तरिक्ष स्टेशन तक की शुभांशु की यह यात्रा अद्वितीय है। शुभांशु अब मात्र सी.एम.एस. के पूर्व छात्र ही नहीं हैं अपितु अब वे पूरी पीढ़ी के लिए आदर्श बन गये हैं।

शुभांशु का यह 14-दिवसीय एक्सिओम मिशन अन्तर्राष्ट्रीय अन्तरिक्ष स्टेशन पर शून्य गुरुत्वाकर्षण में विभिन्न वैज्ञानिक प्रयोग करेगा, जिसमें मानव शरीर विज्ञान, सेलुलर जीव विज्ञान, अंतरिक्ष पोषण और बीज अंकुरण पर शोध शामिल है। ये शोध आगे चलकर लंबी अवधि की अंतरिक्ष यात्रा और आगामी चंद्रमा और मंगल मिशनों के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगे।

लेकिन विज्ञान से परे, आज की घटना एक शानदार सांस्कृतिक जीत का प्रतीक है – एक भारतीय नागरिक, एक सरकार द्वारा प्रशिक्षित पायलट, एक स्थानीय स्कूल का छात्र, अब अंतरिक्ष में मानवता के साझा भविष्य का सह-पायलट है। जैसे-जैसे शाम ढल रही थी सी.एम.एस. के प्रंागण में उपस्थिति हरेक छात्र की निगाहें ऊपर आसमान की ओर लगी हुई थी क्योंकि उन्हें पता था कि उनका कोई अपना, ऊपर अन्तरिक्ष में मौजूद है।

(ऋषि खन्ना)
हेड, कम्यूनिकेशन्स
सिटी मोन्टेसरी स्कूल, लखनऊ

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