मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई का बड़ा बयान, कहा – संसद नहीं, भारत का संविधान सर्वोच्च है

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने संविधान को संसद से ऊपर बताया है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग ऐसा मानते हैं कि संसद सबसे ऊपर है, लेकिन ऐसा नहीं है। लोकतंत्र के तीनों अंग संविधान के अधीन काम करते हैं। मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई इससे पहले भी संविधान को संसद से ऊपर बता चुके हैं।
अमरावती में बार एसोसिएशन की तरफ से आयोजित किए गए सम्मान समारोह में सीजेआई ने अपनी बात दोहराई। उन्होंने कहा कि संसद को संविधान में संशोधन करने का अधिकार है, लेकिन वह इसकी मूल संरचना को नहीं बदल सकती। इसी वजह से संविधान इस देश में सर्वोपरि है।
केसवानंद भारती बनाम केरल राज्य मामले का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने 1973 में ‘मूल संरचना’ सिद्धांत स्थापित किया था। उन्होंने यह भी कहा कि न्यायाधीशों के लिए संविधान में एक कर्तव्य निर्धारित किया गया है और केवल सरकार के खिलाफ आदेश पारित करने से कोई स्वतंत्र नहीं बन जाता।