प्रदेश

आहार ही औषधि है: जानिए कैसे रोज़ का खाना बन सकता है आपकी दवा

 

अंकित कुमार गोयल

आज प्रतिस्पर्धा के युग में हर कोई बहुत तेजी और सब कुछ बहुत जल्दी से पा लेना चाहता है। बच्चों पर भारी बैग का दबाव, ऑफिस कर्मचारी पर बॉस का दबाव, मार्केटिंग मैनेजर पर टारगेट का दबाव, बॉस पर पूरे ऑफिस को सही से चलाने का दबाव, महिलाओं पर पूरे परिवार को चलाने का दबाव, इस दबाव में हम अपनी सेहत को भूल जाते हैं।

आहार का हमारे जीवन में कितना योगदान है। आहार दवा है और दवा ही आहार। कहते हैं आपके आहार में छिपे हैं सेहत के राज। आहार से कैसे हम अपनी सेहत का ख्याल रख सकते हैं। इन्ही सभी सवालों के जवाब के लिए अंकित गोयल ने कृषि वैज्ञानिक डॉ प्रदीप द्वेवेदी से ख़ास बातचीत की है।

प्रश्न 1: आपके अनुसार आहार क्या है, आहार से कैसे उपचार किया जा सकता है?

आहार केवल भूख मिटाने का साधन नहीं है, बल्कि यह शरीर, मन और आत्मा का पोषण करता है। आयुर्वेद में कहा गया है, “आहार ही औषधि है”। सही और संतुलित आहार हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और कई बीमारियों से प्राकृतिक रूप से लड़ता है। उदाहरण के लिए, यदि किसी को मधुमेह है, तो वह अपने भोजन में ज्वार, बाजरा, रागी जैसे मोटे अनाज, मेथी दाना और अलसी को शामिल करके ब्लड शुगर को नियंत्रित रख सकता है। इसी तरह उच्च रक्तचाप के मरीजों को पोटेशियम युक्त खाद्य जैसे केला और हरी सब्जियाँ लाभ पहुंचाते हैं। इसका अर्थ यह हुआ कि सही आहार को नियमित दिनचर्या में शामिल करके दवाओं पर निर्भरता कम की जा सकती है।

प्रश्न 2: आहार में ऐसी कौनसी आदतें हैं जो मन में मिथक लाती हैं और भ्रमित करती हैं?

आजकल लोगों में आहार को लेकर कई भ्रांतियाँ हैं, जो सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकती हैं। जैसे – उपवास का अर्थ यह मान लेना कि भोजन पूरी तरह त्याग देना चाहिए, जबकि सच यह है कि उपवास शरीर की सफाई का एक साधन है और इसमें हल्के, सुपाच्य और पौष्टिक तत्वों का सेवन करना चाहिए। एक और भ्रम यह है कि दूध और फल साथ नहीं खाने चाहिए, लेकिन वास्तव में कुछ फल जैसे केला, खजूर आदि दूध के साथ अच्छी तरह पचते हैं, जबकि खट्टे फल नहीं लेने चाहिए। इसी तरह यह भी भ्रम है कि प्रोटीन केवल मांस में होता है, जबकि दालें, चना, सोया, मूंगफली जैसे शाकाहारी स्रोत भी प्रोटीन से भरपूर होते हैं। अतः मिथकों से ऊपर उठकर वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाना आवश्यक है।

प्रश्न 3: आहार को दिनचर्या में शामिल करके कौन-कौन सी बीमारियों को दूर किया जा सकता है?

आहार से शरीर की अनेक बीमारियों को रोका जा सकता है और कई बार उनके उपचार में सहायता मिलती है। जैसे डायबिटीज में लो ग्लायसेमिक इंडेक्स वाले भोजन जैसे रागी, ज्वार, बाजरा फायदेमंद होते हैं। मोटापा दूर करने के लिए फाइबर से भरपूर आहार जैसे ओट्स, दलिया, हरी सब्जियाँ मददगार हैं। कब्ज की समस्या वाले व्यक्ति गेहूं की भूसी, त्रिफला और फाइबरयुक्त सब्जियों को भोजन में शामिल करके राहत पा सकते हैं। पाचन से संबंधित समस्याओं के लिए अदरक, सौंफ, तुलसी और छाछ उपयोगी हैं। हृदय रोग, थायरॉइड, और एसिडिटी जैसी बीमारियों को भी संतुलित आहार से नियंत्रित किया जा सकता है। आहार अगर मौसम, शरीर की प्रकृति और दिनचर्या के अनुसार हो, तो बीमारियों से बचाव स्वतः संभव है।

प्रश्न 4: ऐसी कौनसी फसल है, जिसमें सबसे ज्यादा पोषक तत्व पाए जाते हैं, और उसे दिनचर्या में कैसे उपयोग किया जा सकता है?

सहजन (मोरिंगा) एक ऐसी फसल है जिसे ‘सुपरफूड’ भी कहा जाता है। इसकी पत्तियाँ आयरन, कैल्शियम, प्रोटीन, विटामिन ए और सी से भरपूर होती हैं। यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और खून की कमी, हड्डियों की कमजोरी और आंखों की रोशनी जैसी समस्याओं में अत्यंत लाभकारी है। मोरिंगा की सूखी पत्तियों को पीसकर पाउडर बनाया जा सकता है जिसे रोज 1 चम्मच सूप, दाल, सब्जी या गुनगुने पानी में मिलाकर लिया जा सकता है। इसकी ताजी पत्तियों को पराठा, साग, चाय या सांभर में भी शामिल किया जा सकता है। मोरिंगा न केवल पोषण का खजाना है, बल्कि यह खेती के दृष्टिकोण से भी लाभकारी है क्योंकि यह कम पानी में भी पनप जाती है।

प्रश्न 5: आज मिलेट्स की बहुत चर्चा है, कौनसे मिलेट्स का सेवन करना चाहिए?

मोटे अनाज यानी मिलेट्स हमारे पारंपरिक आहार का हिस्सा रहे हैं और अब वैज्ञानिक रूप से भी इनके लाभ सिद्ध हो चुके हैं। रागी (फिंगर मिलेट) कैल्शियम का सबसे अच्छा शाकाहारी स्रोत है और बच्चों, महिलाओं तथा वृद्धों के लिए लाभकारी है। ज्वार (सोरघम) में आयरन और फाइबर भरपूर होता है, जिससे यह पाचन के लिए अच्छा है। बाजरा (पर्ल मिलेट) शरीर को ऊर्जा देता है और सर्दियों में विशेष रूप से उपयोगी होता है। कोदो, सामा और वरई जैसे छोटे मिलेट्स डायबिटिक रोगियों के लिए फायदेमंद हैं। इन सभी मिलेट्स का उपयोग रोटी, दलिया, उपमा, खिचड़ी या इडली के रूप में आसानी से किया जा सकता है। यह ग्लूटन-फ्री भी होते हैं, जिससे एलर्जी के शिकार लोगों के लिए भी उपयोगी हैं।

प्रश्न 6: दिनचर्या में कौनसे पोषक तत्वों को हमें भोजन में शामिल करना चाहिए जिससे शरीर और मन स्वस्थ, सक्रिय और ऊर्जावान रहे?

स्वस्थ शरीर और तेजस्वी मन के लिए हमें रोजाना संतुलित आहार लेना चाहिए जिसमें मुख्य रूप से छह आवश्यक पोषक तत्व शामिल हों – प्रोटीन, फाइबर, गुड फैट्स, कैल्शियम, आयरन और एंटीऑक्सीडेंट्स। प्रोटीन के लिए मूंग, चना, दूध, दालें और अंडे अच्छे विकल्प हैं। फाइबर के लिए हरी सब्जियाँ, साबुत अनाज और फल उपयोगी हैं। शरीर को ऊर्जावान बनाए रखने के लिए अच्छे वसा (गुड फैट्स) जैसे अलसी, अखरोट और देसी घी को शामिल करें। मजबूत हड्डियों के लिए रागी, दूध, तिल, और मोरिंगा को भोजन में लें। आयरन की पूर्ति के लिए चुकंदर, हरी सब्जियाँ और गुड़ का सेवन करें। एंटीऑक्सीडेंट्स के लिए आंवला, हल्दी, तुलसी और ग्रीन टी उपयोगी हैं। यह सभी पोषक तत्व शरीर को स्वस्थ, मन को शांत और कार्यक्षमता को उत्तम बनाए रखते हैं।

प्रश्न 7: स्किन, बालों और आंखों की सेहत के लिए कौनसा आहार दिनचर्या में शामिल करें जो व्यावहारिक हो?

त्वचा, बाल और आंखें हमारे शरीर के सौंदर्य और स्वास्थ्य का प्रतिबिंब हैं और इन्हें स्वस्थ रखने के लिए विशेष पोषक तत्वों की जरूरत होती है। स्किन के लिए विटामिन C युक्त खाद्य जैसे आंवला, नींबू, संतरा बहुत लाभकारी हैं क्योंकि ये त्वचा को कोलेजन प्रदान करते हैं। बीटा-कैरोटीन जैसे पोषक तत्व गाजर और पपीते में पाए जाते हैं, जो त्वचा को चमकदार बनाते हैं। बालों के लिए प्रोटीन युक्त आहार जैसे दालें, अंडा, और बायोटिन स्रोत जैसे बादाम, मूंगफली अत्यंत उपयोगी हैं। आयरन की कमी बाल झड़ने का कारण बनती है, जिसे चुकंदर और पालक से दूर किया जा सकता है। आंखों के लिए विटामिन A की आवश्यकता होती है, जो गाजर, शकरकंद और हरी पत्तेदार सब्जियों में पाया जाता है। इसके अलावा ओमेगा-3 फैटी एसिड के लिए अलसी और अखरोट भी आँखों और मस्तिष्क दोनों के लिए लाभदायक हैं। इस प्रकार सरल, स्थानीय और पौष्टिक खाद्य से सौंदर्य और सेहत दोनों को निखारा जा सकता है।

Show More

Related Articles

Back to top button
Close
Close