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इटावा : यादव कथावाचक पर हुई बर्बरता पर भड़के अखिलेश, कही ये बात

इटावा। धर्म तोड़ने नहीं, जोड़ने का काम करता है। पर जब किसी धार्मिक मंच से नफ़रत, अपमान और हिंसा जन्म ले, तो समाज को रुककर सोचने की ज़रूरत है। उत्तर प्रदेश में एक कथावाचक के साथ ऐसा व्यवहार हुआ उसने न सिर्फ इंसानियत को शर्मसार किया, बल्कि धर्म की गरिमा को भी आहत किया। दरअसल उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में कथा करने आये एक कथावाचक की लोगों ने चोटी काटकर सिर मुंडवा दिया। इतना ही नहीं हद तो तब हो गई जब महिला के पेशाब से कथावाचक का शुद्धिकरण किया गया।

21वीं सदी के भारत में जब हम चांद पर जा रहे हैं, तब उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में एक कथावाचक से उसकी जाति पूछकर उसकी इंसानियत को रौंद दिया गया। सिर्फ इसलिए कि वो ‘पिछड़े वर्ग’ से था!” इटावा के बकेवर थाना क्षेत्र के दादरपुर गांव में 21 जून को मुकुट मणि नाम के एक कथावाचक अपने सहयोगियों के साथ धार्मिक कथा करने पहुंचे थे। दो दिन तक कथा शांतिपूर्ण तरीके से चलती रही लेकिन 22 जून की रात कथा खत्म होने के बाद गांव के कुछ लोगों ने कथावाचक की जाति पूछी और जैसे ही उन्होंने बताया कि वे यादव समाज से हैं, भीड़ ने उनके साथ जानवरों जैसा बर्ताव शुरू कर दिया। उनके साथ मारपीट हुई, सिर के बाल और चोटी काट दी गई, वाद्य यंत्र तोड़े गए, 25 हज़ार रुपये लूट लिए गए और सबसे शर्मनाक कथावाचक और उनके साथियों पर एक महिला का पेशाब डालकर ‘शुद्धिकरण’ करने का नाटक किया गया।

इस बर्बरता का वीडियो जब सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, तो पूरे प्रदेश में आक्रोश फैल गया। इटावा से समाजवादी पार्टी के सांसद जितेंद्र दोहरे ने इसे “केवल व्यक्ति नहीं, संविधान का अपमान” बताया है। वहीं पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है और कार्रवाई भी शुरू हो चुकी है। चार आरोपी—आशीष, उत्तम, प्रथम उर्फ मनु और निक्की—गिरफ्तार किए जा चुके हैं। मुख्य आरोपी निक्की पर कथावाचक की चोटी काटने का आरोप है।

इस घटना पर क्या बोले अखिलेश यादव ?

समाजवादी पार्टी मुखिया अखिलेश यादव ने मंगलवार को लखनऊ में समाजवादी पार्टी ऑफिस में कथा सुनी। कथा सुनाने भागवताचार्य व्यास मुकुट मणि और उनके सहायक संत कुमार यादव और श्याम जी कठेरिया आये। इन्ही के साथ इटावा जिले के बकेवर थाना क्षेत्र के दांदरपुर गांव में मारपीट, चोटी काटने और अपमान करने का आरोप है। अखिलेश यादव ने आज इन्हें पार्टी दफ्तर में सम्मानित भी किया और तीनों को 51-51 हज़ार रुपये दिए। समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं ने भी कथा वाचक मंडली को हज़ारों रुपये दिए।

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि कथा वाचन को कुछ लोगों ने व्यापार बना लिया है। ये लोग ये एलान कर दें कि पीडीए परिवार का चंदा नही लेंगे। क्या सरकार कानून लेकर आएगी कि पीडीए परिवार कथा नहीं कर सकेगा। अभी तक तो ये पीडीए परिवार के घर को गंगा जल से धुलवा रहे थे। पीडीए के मन्दिर जाने पर शुद्धिकरण करा रहे हैं। जिस दिन पीडीए परिवार ने अपनी कथा अलग से शुरु कर दी। उसी दिन इन वर्चस्व वालों का साम्राज्य ढह जाएगा। अखिलेश ने आरोप लगाया कि इस सरकार में बैठे लोग लगातार पीडीए परिवार को डरा धमका रहे हैं।

 

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