परमाणु ठिकानों पर हमले के बाद ईरान का दावा – ‘सभी साइट सुरक्षित, कोई रेडिएशन लीक नहीं’

21 जून 2025 को अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों – फोर्डो, नतांज और इस्फहान – पर जोरदार हवाई हमला किया। अमेरिकी सेना ने इस मिशन में B-2 स्टेल्थ बॉम्बर्स और टॉमहॉक क्रूज़ मिसाइलों का इस्तेमाल किया। इस ऑपरेशन को अमेरिका की तरफ से “सटीक सैन्य सफलता” बताया गया। हालांकि, हमले के एक दिन बाद 22 जून को ईरान की परमाणु ऊर्जा संस्था (AEOI) ने आधिकारिक बयान जारी कर अमेरिकी दावों को पूरी तरह खारिज कर दिया।
AEOI का दावा: ‘कोई नुक़सान नहीं, सभी परमाणु ठिकाने सुरक्षित’
AEOI ने कहा कि अमेरिका के हमले के बावजूद, उनके सभी परमाणु प्रतिष्ठान पूरी तरह सुरक्षित हैं। जांच में कहीं भी रेडिएशन लीक या संरचनात्मक क्षति के कोई संकेत नहीं मिले हैं। ईरान ने अपने बयान में यह भी साफ किया कि उसका परमाणु कार्यक्रम किसी भी हाल में नहीं रुकेगा। हमारा परमाणु कार्यक्रम एक राष्ट्रीय औद्योगिक परियोजना है और इसे हम हर कीमत पर जारी रखेंगे।”
यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे के विपरीत है, जिसमें उन्होंने कहा था कि फोर्डो साइट अब पूरी तरह नष्ट हो चुकी है।
रेडिएशन लीक की अफवाहों पर विराम
हमलों के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रेडिएशन रिसाव को लेकर चिंता जताई जा रही थी, जिसे AEOI ने स्पष्ट रूप से खारिज किया। संस्था ने कहा कि सभी साइट्स की सुरक्षा जांच की जा चुकी है और कोई रेडिएशन नहीं फैला है। साथ ही आम जनता से अपील की गई कि वे घबराएं नहीं, उनके सभी न्यूक्लियर प्लांट सुरक्षित हैं।
ईरान का आरोप: ‘अमेरिका ने अंतरराष्ट्रीय कानून तोड़ा’
AEOI ने अमेरिका के इस एकतरफा हमले को अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन करार दिया है। उन्होंने कहा कि ईरान अब इस मुद्दे पर कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर रहा है और जल्द ही संयुक्त राष्ट्र सहित वैश्विक मंचों पर अमेरिका की निंदा करेगा। साथ ही, ईरान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से समर्थन की मांग करते हुए शांतिपूर्ण परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम के अधिकार की रक्षा की अपील की।
अमेरिका का दावा: ‘सटीक निशाना, पूरी तरह सफल ऑपरेशन’
दूसरी ओर, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इन हमलों को “बेहद सफल” करार दिया। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने फोर्डो जैसे सुरक्षित और भूमिगत ठिकाने को भी छह GBU-57 MOP बमों से नष्ट कर दिया, जबकि नतांज और इस्फहान पर 30 टॉमहॉक क्रूज़ मिसाइलें दागी गईं, हमारे B-2 बॉम्बर्स ने अपने टारगेट पर सटीक हमला किया, और अब ईरान की परमाणु संवर्धन क्षमता लगभग खत्म हो चुकी है।