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ईरान-इज़रायल युद्ध में अमेरिका की एंट्री: तीन परमाणु ठिकानों पर B-2 बॉम्बर्स से हमला, GBU-57 बम का इस्तेमाल

मिडिल ईस्ट में तनाव अब और भी खतरनाक मोड़ पर पहुंच गया है। इज़रायल और ईरान के बीच जारी संघर्ष में अब अमेरिका भी प्रत्यक्ष रूप से शामिल हो गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों – फोर्डो, नतांज और इस्फहान – पर हवाई हमले किए हैं।

इन हमलों में अमेरिका के सबसे घातक और एडवांस्ड फाइटर जेट B-2 स्टेल्थ बॉम्बर्स का इस्तेमाल हुआ, जो विशेष रूप से GBU-57 Massive Ordnance Penetrator (MOP) बम से लैस थे।

क्या है GBU-57 MOP बम?

GBU-57 को टेक्नीकल भाषा में Massive Ordnance Penetrator कहा जाता है। यह दुनिया के सबसे शक्तिशाली गैर-परमाणु बमों में से एक है, जिसे खासतौर पर गहरे भूमिगत बंकरों या न्यूक्लियर फैसिलिटी को नष्ट करने के लिए डिजाइन किया गया है।

इसका वजन करीब 13,600 किलोग्राम होता है और यह बम जमीन में 60 मीटर तक घुसकर लक्ष्य को तबाह कर सकता है। इसकी सैटेलाइट-गाइडेड प्रणाली इसे बेहद सटीक बनाती है। इस बम का निर्माण अमेरिकी डिफेंस कंपनी Boeing द्वारा किया गया है और इसका परीक्षण न्यू मैक्सिको के व्हाइट सैंड्स रेंज में हुआ था।

B-2 स्टेल्थ बॉम्बर: हवा में उड़ता कहर

अमेरिका का B-2 Spirit Stealth Bomber एक ऐसा फाइटर जेट है जो किसी भी रडार से बच निकलने की क्षमता रखता है। इसकी खासियत इसकी स्टेल्थ तकनीक है, जिससे यह रडार की पकड़ में नहीं आता।

यह विमान भारी से भारी बम जैसे GBU-57 MOP को भी लेकर उड़ सकता है।

इसकी कीमत लगभग 2.1 अरब डॉलर (करीब 17,850 करोड़ रुपये) है।

इसके रखरखाव पर हर साल करीब 330 करोड़ रुपये का खर्च आता है।

B-2 बॉम्बर्स को केवल कुछ विशेष एयरबेस जैसे गुआम से ऑपरेट किया जाता है और इन्हें बेहद गोपनीय मिशनों के लिए तैनात किया जाता है।

ईरान के फोर्डो प्लांट पर हमला क्यों खास है?

ईरान का फोर्डो न्यूक्लियर प्लांट एक ऐसा ठिकाना है जो पहाड़ के नीचे स्थित है और इसे सामान्य बमों से नष्ट करना लगभग असंभव माना जाता है। लेकिन MOP जैसे गहरे घुसने वाले बम इस ठिकाने को नुकसान पहुंचा सकते हैं। अमेरिका का दावा है कि इन हमलों में ईरान की परमाणु संवर्धन क्षमताएं पूरी तरह तबाह कर दी गई हैं।

डोनाल्ड ट्रंप की चेतावनी: “या तो शांति होगी, या तबाही”

हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सख्त चेतावनी जारी की। उन्होंने कहा, हमारा लक्ष्य ईरान की परमाणु संवर्धन क्षमता को पूरी तरह खत्म करना था। यह हमला सैन्य दृष्टि से एक जबरदस्त सफलता है। अब या तो शांति होगी या फिर त्रासदी।” उन्होंने ईरान को दुनिया का “नंबर वन आतंकवाद प्रायोजक देश” बताते हुए कहा कि अमेरिका वैश्विक सुरक्षा के लिए ऐसे कदम उठाने को मजबूर है।

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