योग से समाधान: दिन की शुरुआत इन आसान आसनों से करें और तनाव को दूर भगाएं

अंकित कुमार गोयल
इस बार 11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की थीम है, एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग, पृथ्वी की सेहत और हमारी सेहत आपस मेँ एक दूसरे से जुड़ी है। योग दोनों को स्वस्थ और सजग बनाने मै हमारी मदद करता है। जब मन स्थिति एवं परिस्थिति के बीच संतुलन का अभाव पैदा होता है, तब वह स्थिति तनाव की अवस्था कहलाती है। जब किसी व्यक्ति के सामने कोई समस्या या परिस्थिति आ जाती है। जिसमें वह स्वयं को निर्बल एवं लाचार समझता है, तो वह तनावग्रस्त हो जाता है। तनाव एक ऐसी प्रतिक्रिया है, जिसमें परिस्थितियां व्यक्ति के नियंत्रण में नही होती हैं। तनाव की स्थिति की कोई निश्चित समयाविधि भी नही है। यह थोड़े समय के लिए भी रह सकता है और लम्बे समय के लिए भी रह सकता है।
आज तनाव हर आयु वर्ग के लोगों में देखने को मिल जायेगा, चाहें बच्चा हो, किशोर हो, युवा हो या बुजुर्ग हो। तनाव हर किसी के जीवन में है। तनाव कब चिंता से अवसाद (डिप्रेशन) में बदल जायेगा आपको पता भी नहीं चलेगा । आज हम आपको बतांएगे कुछ ऐसे सरल योगासन और सरल बातें जिसे जीवन में अपनाकर तनाव से कैसे छुटकारा पाया जा सकता है।
तनाव के प्रमुख कारण
तनाव का सकारात्मक पहलू
तनाव में आहार कैसा होना चाहिए
तनाव में शिथिलीकरण के अभ्यास और योगासन का महत्व
तनाव के प्रमुख कारण
समय प्रबन्धन का सही ना होना और सकारात्मक दृष्टिकोण का अभाव, तनाव के प्रमुख कारणों में से एक है।
जब मन में स्वार्थ और अहंकार की भावना जाग्रत होती है।
जीवन में अत्यधिक प्रतिस्पर्धा युक्त जीवनशैली का होना।
दिनचर्या और रात्रिचर्या का अव्यवस्थित होना।
अपने जीवन, घर, परिवार और समाज के प्रति नकारात्मक दृष्टिकोण भी तनाव की तरफ ले जाता है।
शारिरिक व्यायाम और खानपान का ठीक ना होना ।
शारिरिक, मानसिक और भावनात्मक तनाव ज्यादा लेना।
तंबाकू , मांसाहार, मद्यपान इस्तेमाल करना।
तनाव का सकारात्मक पहलू
जब हमारे पास निश्चित समय होता है, तो हम काम को कल पर नही टालकर तुरूंत करते है। हम ज्यादा सक्रिय होते है, और काम को पूरा करते है। वो तनाव हमारे लिए सकारात्मक होता है। हम अक्सर भविष्य या भूतकाल के चक्कर में पड़े रहते हैं जिससे हम अपने वर्तमान समय को खराब कर दैते हैं । भविष्य की चिन्ता न करके अपने वर्तमान पर ध्यान दें।
तनाव में आहार कैसा होना चाहिए।
हमारा भोजन सादा और सुपाच्य (आसानी से पच जाए) होना चाहिए। जब भी भोजन ग्रहण करें तो मन में प्रसन्नचित्त (खुशी) का भाव अवश्य होना चाहिए।
आधा पेट भोजन से भरा होना चाहिए, एक चौथाई जल से और शेष एक चौथाई खाली पेट (हवा) से भरा होना चाहिए।
तनाव में शिथिलीकरण के अभ्यास और योगासन का महत्व।
शिथिलीकरण के अभ्यास के लिए शवासन और योग निद्रा कर सकते हैं।
जब हम योगासन का अभ्यास करते हैं तो शरीर में रक्त का संचार तीव्र गति से होने लगता है। जिससे तनाव कम होता है और मन में खुशी का भाव जाग्रत होता है।
सूर्यनमस्कार एक ऐसा व्यायाम है, जिससे पूरे शरीर का व्यायाम हो जाता है ना केवल तनाव दूर होता है बल्कि आपके हार्ट के लिए भी काफी अच्छा होता है।
योगासनों के अभ्यास में सर्वांगासन, मकरासन, पवन मुक्तासन और हलासन जैसे योगासन के नियमित अभ्यास से तनाव में मुक्ति मिलती है।
जीवन में किसी से भी ईर्ष्या और द्वेष करने के बजाए हंसने और मुस्कुराने के पल बनाए हंसने और मुस्कुराने से एंडोर्फिन हार्मोन निकलता है जिससे तनाव के साथ – साथ अवसाद भी कम होता है।
हैप्पी हार्मोन , डोपामाइन, जिसको शरीर स्वयं उत्पन्न करने के लिए सक्षम है जो हमें अच्छा महसूस कराता है और तनाव को भी दूर करता है।
मेडिटेशन का अभ्यास करने से एंडोर्फिन और सेरोटोनिन हार्मोन रिलिज होता है। जिससे तनाव कम होता है और मस्तिष्क में ब्लड का सर्कुलेशन भी अच्छा होता है।