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रांची में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए खरीदार-विक्रेता मीट का आयोजन

रांची| देश-दुनिया में इन दिनों जैविक (ऑर्गेनिक) और प्राकृतिक खेती को लेकर जागरूकता तेजी से बढ़ रही है। रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के दुष्प्रभावों के चलते लोग अब जैविक खेती और इसके उत्पादों की ओर आकर्षित हो रहे हैं।  इसी कड़ी में झारखंड में जैविक खेती को प्रोत्साहन देने और किसानों को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय बाजार से जोड़ने के उद्देश्य से ऑर्गेनिक फार्मिंग अथॉरिटी ऑफ झारखंड (OFAJ) द्वारा सोमवार को रांची में क्रेता-विक्रेता मीट (Buyer-Seller Meet) का आयोजन किया गया।

इस कार्यक्रम में भारत के विभिन्न राज्यों से ऑर्गेनिक उत्पाद खरीदने वाली कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ-साथ केन्या स्थित ‘Ekologie Forte Ltd.’ के प्रबंध निदेशक डॉ. सेल्वम डेनियल ने भी भाग लिया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2030 तक अफ्रीका जैविक चावल का बड़ा बाजार बन सकता है, और भारत जैसे देशों के लिए यह बड़ा अवसर है।

कृषि मंत्री ने दी दिशा और भरोसा

झारखंड की कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, “जैविक खेती से जुड़े किसानों के हितों की रक्षा करना सरकार की जिम्मेदारी है। आने वाले 10 वर्षों में जैविक उत्पादों के बाजार में करीब 20% तक की वृद्धि की संभावना है। झारखंड को इस बढ़ते बाजार में अपनी मजबूत हिस्सेदारी सुनिश्चित करनी होगी।”

मंत्री ने कहा कि यह मीटिंग एक छोटी लेकिन सार्थक शुरुआत है, जिसमें भारत के साथ-साथ केन्या जैसी जगहों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति दर्शाती है कि झारखंड के जैविक उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिल रही है।

उन्होंने सुझाव दिया कि झारखंड के किसानों को सिक्किम जैसे जैविक रूप से समृद्ध राज्यों का दौरा कराया जाए और उनके लिए एक स्पष्ट मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) तैयार की जाए। इस दौरान आत्मा परियोजना के तहत 12 उप-परियोजना पदाधिकारियों को नियुक्ति पत्र भी सौंपे गए।

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