उत्तर प्रदेशराजनीति

यौन शोषण केस में राहत मिलने के बाद बोले बृजभूषण शरण सिंह, न्यायपालिका ने न्याय किया, मैंने इस लड़ाई में कभी हार नहीं मानी

गोंडा। पहलवानों से शोषण के मामले में भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह को बड़ी राहत मिली है। उनके मामले में पॉस्को एक्ट हटा दिया गया है। इसपर अब बृज भूषण शरण सिंह ने भी अपनी प्रतिक्रया दी है। उन्होंने कहा, मैंने इस लड़ाई में कभी हार नहीं मानी और अब न्यायपालिका ने न्याय किया है।

बृजभूषण शरण सिंह ने आगे कहा, 18 जनवरी 2023 को मैंने साफ कहा था कि यह झूठा मामला है। मुझे दूसरों से मतलब नहीं है। मैं जानता हूं कि मैं कौन हूं। अगर कोई वाकई अपने जीवन में ऐसी घटनाओं को समझना चाहता है तो एक मिनट भी काफी है। इसलिए मैंने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। मैं आज भी अपने उस बयान पर कायम हूं। मैंने कहा था कि अगर एक भी आरोप साबित हो जाए तो मैं फांसी लगाने को तैयार हूं।

उन्होंने कहा, जब चार्जशीट दाखिल हुई तो कुछ लोगों ने मेरा मजाक उड़ाया, कुछ ने सवाल किया कि मैंने अभी तक फांसी क्यों नहीं लगाई। आज न्यायपालिका ने मुझे न्याय दिया है। देश के हर कोने में, सभी राज्यों और मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस मामले को उचित महत्व और मान्यता दी गई है। मेरा मानना ​​है कि हमारे देश में तीन कानूनी प्रावधान हैं जो मूल रूप से महिलाओं और दलितों की सुरक्षा के लिए बनाए गए थे। दुर्भाग्य से, इन्हीं प्रावधानों का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग किया जा रहा है। मैं यह नहीं कह रहा हूं कि इन कानूनों को खत्म कर दिया जाना चाहिए, क्योंकि इन्हें सुरक्षा के लिए बनाया गया था। हालांकि, हकीकत यह है कि अब इनका इस्तेमाल सुरक्षा के बजाय हथियार के तौर पर किया जा रहा है।

उन्होंने कहा, इस दुरुपयोग की गहन समीक्षा होनी चाहिए। पिछले साल कई प्रमुख पहलवानों के विरोध के बाद सिंह को डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था। कई महिला पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के मामले में उन पर मुकदमा चल रहा है।

68 वर्षीय सिंह ने आगे कहा कि उन्हें यौन उत्पीड़न मामले में साजिश के तहत फंसाया गया है। उन्होंने दावा किया कि यौन उत्पीड़न मामले में उन्हें फंसाने के पीछे कांग्रेस पार्टी का हाथ है। उन्होंने विशेष रूप से भूपिंदर हुड्डा और हरियाणा के कुछ पहलवानों का नाम लेते हुए कहा कि वे डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष पद पर नजर गड़ाए हुए थे। उन्होंने आरोप लगाया, कांग्रेस पार्टी साजिश के पीछे थी। इसका मुख्य कारण भूपिंदर हुड्डा और हरियाणा के पहलवान थे, जो डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष पद पर कब्जा करना चाहते थे। यह साक्षी (मलिक) के बयानों से भी स्पष्ट है और अब कई चीजें स्पष्ट हो गई हैं। यह (डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष) पद मनोनीत नहीं है, इसके लिए बाकायदा चुनाव होते हैं।

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