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नीति आयोग की बैठक में शामिल हुए सीएम मान, कहा – पंजाब किसी को भी अतिरिक्त पानी देने की स्थिति में नहीं

नई दिल्ली। दिल्ली में हुई नीति आयोग की बैठक में सीएम मान ने कहा कि चंडीगढ़ प्रशासन में पंजाब और हरियाणा के अधिकारियों की तैनाती को लेकर 60-40 के रेशो तय की गई थी। बीते कुल सालों में चंडीगढ़ प्रशासन में एजीएमयूटी और दानिक्स कैडर के अफसरों का दबदबा बढ़ता जा रहा है।

दिल्ली में हुई नीति आयोग की 10वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक में मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने राज्य से जुड़े अहम मुद्दे उठाए। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष बीबीएमबी और पानी के मुद्दे को उठाते हुए स्पष्ट किया कि पंजाब किसी भी अन्य राज्य को अतिरिक्त पानी देने की स्थिति में नहीं है। राज्य के 153 में से 115 ब्लॉक डार्क जोन में है। इनमें भूजल का 76.10 प्रतिशत तक दोहन हो चुका है।

सीएम ने बीबीएमबी के फैसलों पर भी विरोध जताया। सतलुज-युमना लिंक (एसवाईएल) के मुद्दे पर सीएम ने कहा कि इसे यमुना-सतलुज लिंक (वाईएसएल) कर देना चाहिए। 12 मार्च 1954 को यमुना-सतलुज लिंक प्रोजेक्ट को लेकर पंजाब और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच समझौता हस्ताक्षर हुआ था, इस समझौते के तहत पंजाब को यमुना से दो-तिहाई पानी दिया जाना चाहिए।

वहीं, सीएम ने सरहदी इलाके में रहने वाले किसानों के मुआवजे को 10 हजार रुपये प्रति एकड़ प्रति वर्ष से बढ़ाकर 30 हजार रुपये करने की भी मांग रखी। बॉर्डर विंग होम गार्ड के जवानों को दिया जाना वाला अलाउंस 65 रुपये से बढ़ाकर 655 रुपये करने और बॉर्डर एरिया में नशा और हथियार तस्करी को रोकने और सेकेंड लाइन ऑफ डिफेंस के तौर पर पंजाब पुलिस को मजबूत करने के लिए 2,829 करोड़ रुपये की स्पेशल ग्रांट की मांग की।

 

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