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यमुना एक्सप्रेसवे के पास नए रिहाइशी प्लॉटों की स्कीम लायी योगी सरकार

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में यमुना एक्सप्रेसवे को विश्वस्तरीय आवासीय-अनावासीय सुविधाओं से लैस करने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। सीएम योगी के विजन अनुसार, यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) यमुना एक्सप्रेसवे के पास एक नई रिहाइशी स्कीम लेकर आयी है। यह स्कीम सेक्टर-18 (पॉकेट 9बी) में 200 वर्ग मीटर के 276 भूखंडों के आवंटन का मार्ग प्रशस्त करेगी। उल्लेखनीय है कि इस स्कीम में 2 आरक्षित वर्गों को विशेष तौर पर वरीयता दी जाएगी। इसके अंतर्गत किसान वर्ग में उन लोगों को वरीयता दी जाएगी जिनकी जमीनों को यीडा तथा जेवर एयरपोर्ट के निर्माण के लिए अधिग्रहित की गई है। इसमें से कुल भूखंडों में से 17.5 प्रतिशत भूखंड

यानी 48 प्लॉट्स इस केटेगरी के अंतर्गत रिजर्व्ड हैं।

वहीं, फंक्शनल इंडस्ट्रियल यूनिट केटेगरी के अंतर्गत कुल भूखंडों के 5 प्रतिशत प्लॉट्स यानी 14 प्लॉट्स आवेदनकर्ताओं के लिए उपलब्ध होंगे। इसी प्रकार, सामान्य वर्ग के लिए कुल प्लॉट्स में से 77.5 प्रतिशत (214 भूखंड) आवेदन के लिए उपलब्ध है। इस स्कीम को लेकर आवेदन प्रक्रिया की शुरुआत सोमवार से हो चुकी है तथा 21 मई तक यीडा की वेबसाइट के माध्यम से स्कीम में आवेदन किया जा सकेगा।

पंजीकरण शुल्क निर्धारित, सितंबर में ड्रॉ के माध्यम से होगा आवंटन

यीडा द्वारा लायी गई नई रिहाइशी स्कीम के अंतर्गत एससी-एसटी केटेगरी के लिए 3.50 लाख और सामान्य केटेगरी के लिए 7 लाख रुपए की रकम पंजीकरण शुल्क के तौर पर निर्धारित किया गया है। वहीं, इन सभी प्लॉट्स के लिए 35 हजार प्रति स्क्वेयर मीटर का रेट निर्धारित किया गया है। उल्लेखनीय है कि इस स्कीम के लिए कुछ दिनों पहले ही उत्तर प्रदेश भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (यूपी रेरा) ने यीडा को भूखंड योजना शुरू करने के लिए अनुमति थी। ऐसे में, यीडा की मौजूदा योजना का लाभ यमुना एक्सप्रेसवे के निकट रिहाइशी प्लॉट लेने के इच्छुक आवेदनकर्ताओं को मिलेगा। इस स्कीम के प्लॉट आवंटन लाभार्थियों का चयन ड्रॉ क माध्यम से किया जाएगा जो 11 सितंबर को आयोजित होगी।

आईसीआईसीआई व एसबीआई निभा रहे बैंकिंग पार्टनर की भूमिका

यीडा द्वारा लायी गई नयी रिहाइशी स्कीम में भूखंड आवंटन के लिए यीडा की आधिकारिक वेबसाइट पर लॉगइन करके रजिस्ट्रेशन व संबंधित प्रक्रियाओं के बारे में अधिक जानकारी आवेदनकर्ता प्राप्त कर सकते हैं। स्कीम में बैंकिंग पार्टनर की भूमिका में आईसीआईसीआई तथा स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) निभा रहे हैं। प्रक्रिया के अंतर्गत 90 वर्षों की लीज पर आवेदनकर्ताओं को भूखंड उपलब्ध कराया जाएगा।

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