सीएम मोहन यादव ने डॉ. निधिपति सिंघानिया को भारतीय वास्तुकार संस्थान फैलोशिप से किया सम्मानित

भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्राचीनकाल से ही आर्किटेक्ट्स का विशेष महत्व रहा। राजा भोज स्वयं बड़े वास्तुकार थे। भोपाल ताल सहित प्राचीन स्थापत्य के कई उदाहरण भोपाल और इसके आसपास विद्यमान है।भोपाल का ताल मूलत बांध एक हजार साल पहले बनी है यह अद्भुत और बेमिसाल संरचना आज भी सामयिक और बड़ी आबादी के लिए उपयोगी है। मितव्ययता और तकनीकी उत्कृष्टता के साथ निर्मित यह संरचना प्राचीन समृद्ध ज्ञान परंपरा का जीवंत उदाहरण है जिस पर आज भी विचार प्रासंगिक है।
फैलोशिप से सम्मानित किया
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने वास्तुशिल्प नवाचार को प्रोत्साहित करते हुए वास्तुकला उत्कृष्टता में विरासत को समाहित करने के लिए डॉ. निधिपति सिंघानिया को भारतीय वास्तुकार संस्थान (आईआईए) फैलोशिप से सम्मानित किया।
पूजा पद्धतियों में कई रहस्य विद्यमान
सीएम मोहन यादव ने आर्किटेक्ट्स को विश्वकर्मा बंधु संबोधित करते हुए कहा कि मंदिर वास्तुकला और पूजा पद्धतियों में कई रहस्य विद्यमान हैं। भस्म आरती जन्म से लेकर मृत्यु तक की जीवन यात्रा को संक्षिप्त रूप में दिखाने का प्रकल्प है।