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स्कूल में आया भालू का बच्चा, छात्रों ने खिलाया अपना लंच बॉक्स, 6 दिन बाद मिली मां

राजस्थान। राजस्थान के कोटा में वनकर्मियों ने अपनी मां से बिछड़कर स्कूल में भटककर पहुंचे एक महीने के भालू के बच्चे को उसकी मां से मिला दिया है। रविवार को 6 दिन बाद अपनी मां से मिला तो इस दौरान शीशू भालू दौड़ता हुआ गया और मां की पीठ पर चढ़ गया। कोटा के उप वन संरक्षक अनुराग भटनागर ने सोमवार को इस हृदयस्पर्शी घटना का जिक्र करते हुए बताया कि भालू के बच्चे को पिछले सोमवार को शंभूपुरा के वरिष्ठ राजकीय विद्यालय के कर्मियों ने सौंपा था। चूंकि शावक को जंगल में छोड़ना जोखिम भरा था, इसलिए उसे अभेड़ा जैविक उद्यान में आश्रय देने का निर्णय लिया गया तथा उसकी मां की तलाश के लिए कदम उठाए गए।

स्कूल में छात्रों को भालू का यह बच्चा घूमते हुए मिला था। बच्चों ने इसे टिफिन में खाना भी खिलाया था। इसके बाद वन्य जीव विभाग इसकी मां से मिलाने के लिए जतन करने में जुट गया था। भटनागर ने कहा, ‘‘पशु चिकित्सक ने पाया कि बच्चा भालू स्वस्थ है। उसे जैविक पार्क में रखा गया, जहां वनकर्मियों ने उसकी स्थिति पर नजर रखी और उसे नियमित रूप से भोजन दिया।

इस बीच, वनपाल बुधराम जाट के नेतृत्व में एक अलग टीम को सोमवार से शनिवार तक हर रात शंभूपुरा के आसपास संभावित स्थानों पर मादा भालू की तलाश के लिए तैनात किया गया। मादा भालू को उसके बच्चे की ओर आकर्षित करने के लिए जंगल में ध्वनि रिकॉर्डिंग बजाई गई। हालांकि, उसकी मां का पता लगाने के सभी प्रयास निरर्थक साबित हुए और विशेषज्ञों के सुझाव पर यह निर्णय लिया गया कि क्षेत्र में भालुओं के संभावित मार्ग पर 150 ‘कैमरा ट्रैप’ लगाए जाएंगे। कैमरा ट्रैप गति और ताप सेंसर से सुसज्जित होते हैं तथा इनका उपयोग वन्यजीव गतिविधियों के चित्र या वीडियो बनाने के लिए किया जाता है।

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