दिल्ली के व्यापारी सुनील जैन हत्याकांड में चौंकाने वाला खुलासा, गलती से लगी थी गोली

नई दिल्ली। दिल्ली के फर्श बाजार में हुए सुनील जैन हत्याकांड में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। इस मामले में पुलिस ने अपने ही विभाग के सब-इंस्पेक्टर सुखबीर सिंह को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि उसने हत्यारों को न सिर्फ छिपने में मदद की, बल्कि पैसों से भी उनकी सहायता की। यह घटना अब दिल्ली पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बन गई है।
क्या है पूरा मामला?
8 दिसंबर 2024 की सुबह सुनील जैन रोज की तरह टहलने निकले थे, लेकिन घर लौटते समय दो बाइक सवार बदमाशों ने उन पर गोलियां बरसा दीं। पहले यह मामला लूट या आपसी रंजिश का लग रहा था, लेकिन जांच में सामने आया कि जैन को गलती से मार दिया गया।
असल में शूटर किसी और को मारने आए थे। उनका असली निशाना एक नाबालिग का पिता था, जिस पर आरोप था कि उसने प्रॉपर्टी डीलर आकाश शर्मा और उनके भतीजे ऋषभ की हत्या की साजिश रची थी। इस वारदात में गैंगस्टर हाशिम बाबा के गुर्गे अनिल उर्फ सोनू मटका ने आकाश और ऋषभ को गोली मार दी थी।
आकाश शर्मा की हत्या से सचिन गोलू नाम का शख्स बौखला गया था। वह आकाश को अपना भाई मानता था और उसके लिए बदला लेना चाहता था। बदमाशों को खबर मिली कि आकाश की हत्या के पीछे एक नाबालिग के पिता का हाथ था। लेकिन जब उन्होंने उसे ढूंढा, तो गलती से सुनील जैन को अपना टारगेट समझ लिया और उनकी हत्या कर दी।
इस केस की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ी, वैसे-वैसे पुलिस को शक हुआ कि कोई अंदर से हत्यारों की मदद कर रहा है। फोन ट्रैकिंग और टेक्निकल सर्विलांस से पता चला कि सब-इंस्पेक्टर सुखबीर सिंह लगातार गोलू के संपर्क में था। हत्या के बाद सुखबीर ने उसे पैसे भी दिए, ताकि वह फरार हो सके। सुखबीर सिंह का नाम पहले भी गैंगस्टर हाशिम बाबा के मामलों में आ चुका है। उसे तीन साल पहले आउट-ऑफ-टर्न प्रमोशन मिला था, लेकिन अब शक हो रहा है कि कहीं वह अपराधियों की मदद के बदले फेवर तो नहीं ले रहा था।