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संभल हिंसा को इन सात एंगल पर पुलिस कर रही है जांच

संभल। उत्तर प्रदेश के संभल जिले में हुई हिंसा को लेकर राजनीति जारी है। इस हिंसा में कई लोगों की जाने जा चुकी हैं। मामला अब पुलिस के पास है और पुलिस अब कुल 7 एंगल से इस मामले की जांच कर रही है। सात एंगल से जांच करने का मकसद इस पूरे मामले की तह तक पहुंचना है। इसके लिए पुलिस मोबाइल नेटवर्क, डेटा, सोशल मीडिया, सीसीटीवी फुटेज, ड्रोन फुटेज इत्यादि सारी जानकारियों को खंगाल रही है, ताकि संभल हिंसा की एक-एक जानकारी सामने आ सके और अपराधियों को पकड़ा जा सके।

इन 7 एंगल से हो रही जांच

पहला एंगल: पुलिस इस बात की सबसे पहले जांच कर रही है कि हिंसा वाले दिन जमा मस्जिद के आसपास भीड़ किसके कहने पर इकट्ठा हुई।

दूसरा एंगल: पुलिस की जांच के लिए दूसरा सवाल यह है कि मौके पर मौजूद भीड़ को हिंसा के लिए किसने उकसाया। पुलिस संभल की शाही जामा मस्जिद के आसपास के इलाकों में लगे मोबाइल डेटा की जानकारी इकट्ठा करने में लगी है ताकि ये पता लगाया जा सके कि हिंसा के समय कितने मोबाइल नंबर एक्टिवेट थे और उनके डेटा और डंप डेटा को भी पुलिस इकट्ठा कर रही है जो पुलिस जांच का अहम हिस्सा है।

तीसरा एंगल: संभल पुलिस हिंसा के दौरान दंगाइयों द्वारा तोड़े गए CCTV कैमरों के DVR जब्त कर उनकी फुटेज रिकवर कर रही है, ताकि दंगाइयों की पहचान हो सके।

चौथा एंगल: संभल पुलिस ने अभी तक 27 मोबाइल फोन को फॉरेंसिक लैब में जांच के लिए भेजा है ताकि फोन में से डिलीट डेटाको रिकवर कर ये पता लगाया जा सके कि हिंसा से पहले क्या दंगों की प्लानिंग की गई थी।

पांचवा एंगल: संभल पुलिस ने कुछ सोशल मीडिया हैंडलों की पहचान की है। अब पुलिस इन सोशल मीडिया हैंडलों के द्वारा पोस्ट की गई वीडियो मैसेज को एनलाइज कर रही है।

छठा एंगल: संभल पुलिस ने हिंसा के समय के सीसीटीवी कैमरों, मोबाइल वीडियो और ड्रोन कैमरों की फुटेज को खंगालने के लिए एक स्पेशल टीम बनाई है, ताकि आरोपियों की पहचान की जा सके।

सातवां एंगल: संभल पुलिस रविवार को हुई हिंसा के मामले में जल्द ही स्थानीय लोगों के बयान भी दर्ज करेगी ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके।

700-800 लोगों की भीड़

इसी दौरान 700-800 लोगों की भीड़ आ गई। एफआईआर में इस बात का भी उल्लेख है कि 22 नवंबर को सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने जुमे की नमाज अदा करने के बाद बिना अनुमति के भीड़ को इकट्ठा कर भड़काऊ बयान दिया था। उन्होंने राजनीतिक लाभ के लिए सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के लिए भीड़ को उग्र किया था। वहीं 24 नवंबर को सर्वे के दौरान संभल से सपा विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहेल इकबाल ने भीड़ को उकसाते हुए कहा कि सांसद बर्क हमारे साथ हैं। हम तुम्हें कुछ नहीं होने देंगे।

दरोगा का आरोप है कि इसके बाद ही भीड़ उग्र हो गई। सीओ ने कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए उन्हें शांत करने का प्रयास किया, लेकिन भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया। एक उपद्रवी ने सीओ अनुज चौधरी को गोली मार दी, जो सीओ के पैर में लगी। इस तहरीर के आधार पर कोतवाली संभल में केस दर्ज किया गया है।

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