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दिल्ली विश्वविद्यालय में हुए छात्र संघ चुनाव का नतीजा जारी करने के लिए हाई कोर्ट ने दिया फैसला

नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) के छात्रों ने सितंबर में हुए छात्र संघ चुनावों के लिए काउंटिंग की अनुमति देने के हाई कोर्ट के फैसले का स्वागत किया। साथ ही विश्वविद्यालय तारीख फाइनल करने के लिए मंगलवार को मीटिंग करने की प्लानिंग भी कर रहा है। दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली विश्वविद्यालय को 26 नवंबर या उससे पहले वोटों की काउंटिंग शुरू करने की अनुमति दे दी है। शर्त ये भी है कि प्रचार के दौरान छात्रों ने जो जगह-जगह पोस्टर वगैरह लगाए, उसे साफ करने के लिए उठाए गए कदम पर्याप्त होने चाहिए। DUSU इलेक्शन ऑफिस के एक अधिकारी ने कहा कि विश्वविद्यालय नतीजे घोषित करने की तारीख तय करने के लिए मंगलवार को एक बैठक करेगा। ये नतीजे एक महीने से ज्यादा वक्त से लंबित हैं।

प्रशांत मनचंदा की याचिका पर सुनवाई के बाद कोर्ट का फैसला

दिल्ली हाईकोर्ट ने यह फैसला प्रशांत मनचंदा की याचिका पर सुनवाई के बाद लिया है। मनचंदा ने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि चुनाव प्रचार के दौरान सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को बर्बाद किया गया। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच ने सुनवाई के दौरान दिल्ली यूनिवर्सिटी और छात्रों को निर्देश दिया कि एक हफ्ते के भीतर सभी क्षतिग्रस्त संपत्तियों की मरम्मत की जाए। कोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि 10 दिनों के भीतर मरम्मत काम की कन्फर्मेशन रिपोर्ट हाईकोर्ट रजिस्ट्री में जमा कराई जाए।

DUSU चुनाव में कम हुई वोटिंग, 27 सितंबर को 35.16 फीसदी मतदान

DUSU चुनाव में इस बार कुल 35.16 फीसदी मतदान हुआ था, जो पिछले साल के मुकाबले कम है। कुल 1,45,893 में से केवल 51,300 वोट पड़े। इस चुनाव में प्रमुख छात्र संगठन एनएसयूआई, एबीवीपी और लेफ्ट समर्थित संगठनों ने अपनी जीत के दावे किए। अब 26 नवंबर को नतीजे घोषित होने के बाद ही चुनावी परिणाम साफ होगी।

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