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केरल के वायनाड में हुए भूस्खलन में मरने वालों की संख्या बढ़कर हुई 158, सैकड़ों अब भी लापता

नई दिल्ली। केरल के वायनाड में हुए भूस्खलन में मरने वालों की संख्या बढ़कर 158 हो गई है। जबकि अभी भी सैकड़ों लोग लापता हैं जिनकी मलबे में तलाश की जा रही है। यह त्रासदी मंगलवार तड़के मेप्पाडी के पास हुई। भूस्खलन के बाद मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा के सुरम्य गांव अन्य इलाकों से कट गए, जिससे कई लोग फंस गए, जिससे वायनाड के कई इलाकों में रेगिस्तान जैसा नजारा दिखाई दिया। केरल सरकार ने वायनाड में भूस्खलन की घटना में लोगों की मौत के बाद मंगलवार और बुधवार को राज्य में आधिकारिक शोक की घोषणा की है।

इलाके में मौजूद एक स्थानीय व्यक्ति ने कहा, “हमें नहीं पता कि कितने लोग मिट्टी के नीचे दबे हैं। यहां पहली बार ऐसी घटना हुई है। एनडीआरएफ सहित आपातकालीन प्रतिक्रिया दल लगातार बारिश के बीच वायनाड के चूरलमाला इलाके में बारिश और भूस्खलन के बीच खोज और बचाव अभियान में लगे हुए हैं। भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर वायनाड के चूरलमाला क्षेत्र में बचाव अभियान चला रहे हैं।

पूरे केरल में रेड अलर्ट और वायनाड में हुए विनाशकारी भूस्खलन के कारण, केरल के 11 जिलों के स्कूल और कॉलेज बुधवार – 31 जुलाई को बंद रहेंगे। कासरगोड, कन्नूर, कोझीकोड, वायनाड, मलप्पुरम, पलक्कड़, त्रिशूर, इडुक्की, एर्नाकुलम, अलप्पुझा और पथानामथिट्टा में सभी स्कूल और कॉलेज बंद रहेंगे। केंद्रीय राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन ने कहा कि केरल में रात करीब 1 बजे बादल फटा। समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट में राज्य सरकार के सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि बचावकर्मी नदियों और कीचड़ से शवों के अंग निकाल रहे हैं, जिससे इस त्रासदी में मारे गए लोगों की सही संख्या का पता लगाना मुश्किल हो रहा है।

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