सपा के राज में दंगों को उप्र की पहचान बना दिया गया था: पीएम मोदी
गाजीपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गाजीपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए विपक्षी दलों पर खूब बरसे। उन्होंने कहा कि गठबंधन के नेताओं ने गाजीपुर के साथ बड़ा विश्वासघात किया है। गाजीपुर बरसों पहले विकसित हो जाता लेकिन कांग्रेस यहां के विकास के कार्यों में बार – बार रोड़े अटकाती रही। कांग्रेस की नीति के चलते यहां के लोग गरीबी में घुट-घुट कर जीने को मजबूर रहे। उन्होंने कहा कि पराक्रम और शौर्य यहां की पहचान हैं। यहां हर घर से जांबाज निकलते थे लेकिन कांग्रेस ने इसकी परवाह नही की। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सबसे पहले हमारे गहमरी बाबू ने यहां की परेशानियां संसद में नेहरू जी के पास पहुंचाईं, गहमरी बाबू ने हालात से अवगत कराते हुए ये बताया कि कैसे यहां के लोग जानवरों के गोबर से गेंहू चुनकर के खाते थे. पीएम ने कहा कि कांग्रेस ने उसमें भी राजनीति मौके तलाश लिये। आज मुझे संतोष है कि हमारी सरकार घर हर गरीब को मुफ्त राशन दे रही है।
समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा, ‘‘सपा के ‘शहजादे’ ने कभी कहा था कि माफिया की ‘इंट्री’ पर रोक लगाएंगे और फिर वह माफिया के ही चरणों में जाकर बैठ गए। सपा ने माफियाओं को पाला पोसा और उन्हें टिकट दिया। गाजीपुर लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी ने इस बार माफिया मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी को टिकट दिया है। मोदी ने दावा किया, ‘‘सपा के दौर में प्रदेश में ये हाल था कि माफिया लालबत्ती में घूमते थे, खुली जीप में कानून को चेतावनी देते थे। विरोधियों को खुलेआम गोलियों से भून दिया जाता था। दंगों को उप्र की पहचान बना दिया गया था। सपा की सरकार में हर महीने 2-3 दंगे होते थे। इसका नुकसान गरीबों को होता था। अब योगी सरकार में दंगे भी बंद हैं और दंगाई भी बंद हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि काम लटकाने और हक मारने में तो कांग्रेस को महारत हासिल है। इन्होंने हमारी सेना के वीर जवानों को ‘वन रैंक, वन पेंशन’ तक नही मिलने दी। ‘वन रैंक, वन पेंशन’ तब लागू हुई जब मोदी आया। कांग्रेस ने हमारी सेना के जवानों के साथ उनकी तपस्या का कैसे मखौल उड़ाया था, उनकी आंखों में कैसे धूल झोंकी थी, उनको मूर्ख बनाने का भरपूर प्रयास किया था। उन्होंने कहा, ‘‘जब 2013 में भारतीय जनता पार्टी ने मुझे प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में घोषित किया, उसके बाद मेरी पहली रैली हरियाणा के रेवाड़ी में हुई और वहां मैने कहा था कि मैं ‘वन रैंक, वन पेंशन’ लागू करूंगा। कांग्रेस वाले घबरा गए कि मोदी ने घोषणा कर दी, अब क्या करें? उन्होंने आनन-फानन में हर एक की आंख में धूल झोंक कर बजट में 500 करोड़ रुपया डाल दिया और लिख दिया ‘वन रैंक, वन पेंशन’ करेंगे। फिर देश भर में पूर्व सैनिकों के सम्मेलन किये, जहां कांग्रेस के ‘शाहजादे’ ने ‘वन रैंक, वन पेंशन’ का राग अलापा।
उन्होंने कहा, ‘‘जब आपने मुझे प्रधानमंत्री के रूप में सेवा करने का अवसर दिया और मैंने पहले ही इस काम को लिया तो मैं यह देखकर चौंक गया कि इन्होंने कैसे सेना के साथ गद्दारी की थी। उन्होंने (कांग्रेस) 500 करोड़ रुपया लिखकर के ‘वन रैंक, वन पेंशन’ का दिखावा किया। मैने कहा कि मैं तो ‘वन रैंक, वन पेंशन’ लागू करना चाहता हूं। मोदी ने कहा, ‘‘आप जानकर हैरान हो जायेंगे कि ‘वन रैंक, वन पेंशन’ लागू करने में अब तक सवा लाख करोड़ रूपये पूर्व सैनिकों के खाते में जमा करा दिये गये हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि हमने चार करोड़ परिवारों को प्रधानमंत्री आवास दिए। हमने 50 करोड़ गरीबों के बैंक खाते खुलवाए। हमने हर गांव तक बिजली पहुंचाई, हम हर घर जल पहुंचा रहे हैं। आज किसी गरीब को इलाज के लिए अपनी जमीन नहीं बेचनी पड़ती है, क्योंकि आज उसके पास आयुष्मान कार्ड है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर मेरी माताओं को बीमारी सहनी है तो इस बेटे का दिल्ली में बैठने का क्या मतलब है। इसलिए आपके इस बेटे ने तय किया कि अब गरीब की बीमारी में इलाज की जिम्मेदारी मोदी उठाएगा। आज आयुष्मान योजना करोड़ों परिवारों को मुसीबत में सहायता देता है।
इंडी गठबंधन वाले SC-ST-OBC आरक्षण की लूट में एक साथ खड़े हैं। लेकिन ये मोदी इनके सामने सीना तानकर खड़ा है और मैं गारंटी देता हूं… जब तक मोदी जिंदा है, SC-ST-OBC का आरक्षण मैं किसी हालत में उनको छीनने नहीं दूंगा। मैं धर्म के आधार पर खेल खेलने नहीं दूंगा। वंचितों का जो अधिकार है… मोदी उसका चौकीदार है। पीएम मोदी ने कहा कि हमने जो काम किए, उससे गरीब का जीवन बदला। सिर्फ 10 साल में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं… ये इसलिए हुआ कि आपके वोट ने मोदी को मजबूत किया। हमने 4 करोड़ परिवारों को पीएम आवास दिए। हमने 50 करोड़ गरीबों के बैंक में खाते खुलवाए।
इंडी गठबंधन वालों ने गाजीपुर के साथ विश्वासघात किया है। आजादी के बाद कांग्रेस ने कसम खा ली थी कि इस क्षेत्र का विकास नहीं करेगी। यहां के लोग गरीबी में घुट-घुट कर जीने को मजबूर रहे हैं। यहां की तकलीफ को सबसे पहले हमारे गहमरी बाबू ने उठाया था, उन्होंने संसद में नेहरू जी को यहां की स्थिति बताई और आंख में आंसू के साथ बाबूजी ने कहा कि कैसे यहां के लोग जानवरों की गोबर से गेंहू चुनकर के खाते थे।