पाकिस्तान में आतंकियों की हत्या भारतीय खुफिया एजेंसी के इशारे पर हुई, प्रसिद्ध अखबार ‘द गार्जियन’ का दावा
नई दिल्ली। ब्रिटेन के प्रसिद्द अख़बार ‘द गार्जियन’ ने चौंका देने वाला दावा किया है। ‘द गार्जियन’ में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान में पिछले कुछ सालों में हुई संदिग्ध हत्याओं के पीछे भारत की खुफिया एजेंसी का हाथ है। जिन लोगों की हत्याएं हुई हैं उन्हें भारत अपनी सुरक्षा के लिए ख़तरा मानता है या फिर भारत से जुड़े किसी अपराध में शामिल थे।
लंदन से प्रकाशित अखबार का दावा है कि उसके पास कुछ दस्तावेज हैं जो “इस बात पर प्रकाश डालते हैं कि कैसे भारत की विदेशी खुफिया एजेंसी ने कथित तौर पर विदेशों में व्यक्तियों को खत्म करने के लिए ऑपरेशन चलाए।” रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने “2019 के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए साहसी दृष्टिकोण अपनाते हुए” ये ऑपरेशन किए। यह रिपोर्ट इन आरोपों के बीच आई है कि भारत उन लोगों को निशाना बना रहा है, जिन्हें वह अपना शत्रु मानता है।
रिपोर्ट के मुताबिक, ताजा दावे 2020 के बाद से लगभग 20 हत्याओं से संबंधित हैं, जिन्हें पाकिस्तान में अज्ञात बंदूकधारियों ने अंजाम दिया है। ‘द गार्जियन’ की रिपोर्ट में कहा गया है, ”हालांकि भारत अनौपचारिक रूप से मौतों से जोड़ा गया है। यह पहली बार है कि भारतीय खुफिया कर्मियों ने पाकिस्तान में कथित अभियानों पर चर्चा की है और दस्तावेज में इन हत्याओं में रॉ की प्रत्यक्ष संलिप्तता का आरोप लगाया गया है।” साल 2023 में जब पाकिस्तान की धरती पर मुहम्मद रियाज और शाहिद लतीफ की गोली मारकर हत्या कर दी गई, तो इस्लामाबाद ने इन हत्याओं के पीछे भारत की ख़ुफिया एजेंसी का हाथ होने का आरोप लगाया था।
उस समय नई दिल्ली ने तुरंत आरोपों को खारिज कर दिया था और इसे “दुर्भावनापूर्ण भारत विरोधी प्रचार” करार दिया था। लंदन के अखबार ने पाकिस्तानी जांचकर्ताओं द्वारा साझा किए गए ब्योरे का हवाला देते हुए कहा कि “ये मौतें भारतीय खुफिया स्लीपर सेल ( द्वारा कराई गईं, जो ज्यादातर संयुक्त अरब अमीरात से संचालित होती थीं। 2023 में हत्याओं में वृद्धि का श्रेय इन स्लीपर सेल की बढ़ी हुई गतिविधि को दिया गया, जिन पर हत्याओं को अंजाम देने के लिए स्थानीय अपराधियों या गरीब पाकिस्तानियों को लाखों रुपये देने का आरोप है।”
रिपोर्ट के मुताबिक, “भारतीय एजेंटों ने कथित तौर पर गोलीबारी को अंजाम देने के लिए जिहादियों की भर्ती भी की थी।” इसी तरह, रिपोर्ट में दो भारतीय खुफिया अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि जासूसी एजेंसी की कार्रवाई 2019 में पुलवामा हमले से शुरू हुई थी, जिसे पाकिस्तान स्थित आतंकी समूह जैश-ए-मोहम्मद ने अंजाम दिया था। रिपोर्ट यह भी कहती है कि “पुलवामा हादसे के बाद देश के बाहर के तत्वों को हमला करने या कोई गड़बड़ी पैदा करने से पहले निशाना बनाने के लिए दृष्टिकोण बदला गया”।