सैन्य ठिकानों पर हमले के आरोप में इमरान को मिल सकती है फांसी की सजा
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर मौत की सजा की तलवार लटक रही है। इमरान खान को पहले ही कोर्ट द्वारा दो अलग-अलग मामलों में 10 और 14 साल की सजा सुनाई गई है। आर्मी के ठिकानों पर हुए एक हमले के लिए इमरान को जिम्मेदार बताया जा रहा है और ऐसी चर्चा है कि इमरान को फांसी की सजा दी जा सकती है.
साल 2023 में 9 मई को इमरान खान की गिरफ्तारी हुई थी। इस दिन सेना के कुछ ठिकानों पर हमले हुए, जिनका मास्टरमाइंड पूर्व PM को ही बताया जा रहा है। बता दें कि 9 मई, 2023 को इमरान की पार्टी पीटीआई के वर्कर्स ने मियांवाली एयरबेस, जिन्ना हाउस और फैसलाबाद में ISI बिल्डिंग समेत एक दर्जन सैन्य ठिकानों पर तोड़फोड़ की थी।
पाकिस्तान में आर्मी एक्ट की धारा-59 में यदि कोई दोषी पाया जाता है, तो उसे मौत की सजा सुनाई जा सकती है। पाकिस्तान के आर्मी एक्ट के क्लॉज-D की उपधारा-1 कहती है कि यदि कोई पाकिस्तान के खिलाफ जंग छेड़ता है, तो सभी लोगों पर केस चलता है। इसी के अंतर्गत देश के विरुद्ध हथियार उठाने और आर्मी पर हमला करने का मामला भी आता है।
हालांकि इमरान खान दावा करते रहे हैं कि सेना के ठिकानों पर हमला लंदन एग्रीमेंट का हिस्सा था। इमरान खान पूर्व पीएम नवाज शरीफ को सेना की ओर से एक बार फिर सत्ता में लाने के प्रयास को लंदन एग्रीमेंट कहते रहे हैं। उनका आरोप है कि पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज प्रमुख नवाज शरीफ को शक्तिशाली पाकिस्तानी सेना का समर्थन प्राप्त है। बता दें कि सैन्य ठिकानों पर हमला मामले में 100 लोगों पर पहले ही मुकदमे चल चुके हैं। इस केस में आरोपियों को सजा सुनाए जाने की दर 90 फीसदी है।
फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने सैन्य अदालतों को फैसला सुनाने पर पाबंदी लगा रखी है। अगर इमरान खान पर इस मामले में सैन्य अदालत कार्रवाई करती है तो इस बात की आशंका ज्यादा है कि उन्हें फांसी की सजा सुनाई जाए क्योंकि पाकिस्तान में ऐसा इतिहास रहा है कि जो भी शख्स पाकिस्तानी सेना को चुनौती देता है, वह ज्यादा दिन नहीं बच पाता है। पाकिस्तान आर्मी एक्ट की धारा 59 में दोषी पाए गए शख्स को सजा-ए-मौत सुनाई जा सकती है।