अब पराली जलाएं नहीं, सरकार को बेचें, मानव संसाधन और नवाचार मंत्रालय की नई पहल
भारत कृषि प्रधान देश है और इसके किसानों के लिए खेती एक महत्वपूर्ण विशेषता है। हमारे देश के कृषि क्षेत्र में अक्टूबर और नवंबर के महीनों में एक बड़ी समस्या आती है, जिसका समाधान करने के लिए सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है जो जलवायु परिवर्तन के साथ निपटने के लिए है। मानव संसाधन और नवाचार मंत्रालय (MNRE) ने पंजाब में पराली जलाने की समस्या को हल करने के लिए एक नई पहल की शुरुआत की है।
9 अक्टूबर को, सरकार ने पंजाब के मुक्तसर और भटिंडा जिलों में 2 मोबाइल एलईडी वैन का लोकार्पण किया। इन वाहनों में सरकार के प्रति किसानों की जागरूकता बढ़ाने और पराली को बिना जलाए बेचने की प्रक्रिया को सहयोगिता देने का मुद्दा है। ये गाड़ियां गाँव-गाँव में जाकर सरकार के इस कदम को लेकर जनसमूहों को जागरूक कर रही हैं और उन्हें यह बताने में सहायक हैं कि पराली को जलाने के बजाय किसान इसे सरकार को बेच सकते हैं। इससे ब्रिकेट पेलेट उत्पादन के लिए एक नया आय का स्रोत बनता है और सरकार किसानों को इसके लिए धन देती है, जिससे किसानों के लिए एक और आय का स्रोत उपलब्ध होता है।
इसके साथ ही, अब तक लगभग 60 गाँवों में जागरूकता अभियान सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है, और हजारों किसानों और गाँववालों ने सरकार द्वारा प्रदान की गई योजनाओं से लाभ उठाया है। वे सरकार से और इस तरह की योजनाओं को लेकर एकत्र आने की आग्रह कर रहे हैं। वर्तमान में यह मोबाइल एलईडी वैन मुक्तसर के पन्नीवाला गाँव में है और दूसरा मोबाइल एलईडी वैन भटिंडा के खोखर गाँव में उपस्थित है।