ब्रिक्स सम्मेलन में भाग लेंगे पीएम मोदी, कई मुद्दों पर रहेगा फोकस; जानें क्या होगा एजेंडा?
नई दिल्ली। दक्षिण अफ्रीका की अध्यक्षता में इस बार 15वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन जोहान्सबर्ग में आयोजित होने जा रहा है। इस शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी हिस्सा लेंगे। पीएम कल मंगलवार को सम्मेलन में भाग लेने के लिए रवाना होंगे और इसी दिन समूह के व्यापार मंच की बैठक के साथ इसकी शुरुआत होगी। सम्मेलन 22 से 24 अगस्त तक चलेगा।
आर्थिक सहयोग और सुरक्षा पर पीएम का फोकस
इस सम्मेलन में कई मुद्दों पर भारत का फोकस होने वाला, जिसमें आर्थिक और सुरक्षा हित ही सर्वोपरि होंगे। आर्थिक सहयोग, खाद्य सुरक्षा और ब्रिक्स विस्तार से संबंधित मुद्दों पर चर्चा में भाग लेने के अलावा, पीएम मोदी द्वारा शिखर सम्मेलन में सदस्य देशों को एक-दूसरे के सुरक्षा हितों का सम्मान करने और आतंकवाद के खिलाफ एक स्वर में बोलने की आवश्यकता पर भी जोर देने की उम्मीद है।
2019 के बाद पीएम मोदी पहली बार लेंगे भाग
दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा, चीन के शी जिनपिंग, ब्राजील के लुइज लूला दा सिल्वा के साथ 50 से अधिक देशों के नेताओं के शामिल होने की उम्मीद है। यह पीएम मोदी का 2019 के बाद पहला व्यक्तिगत ब्रिक्स शिखर सम्मेलन होगा। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी इस सम्मेलन में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़ेंगे।
भारत में डिजिटल परिवर्तन पर बोल सकते हैं पीएम
मोदी मंगलवार को बिजनेस फोरम को संबोधित करेंगे, जहां उनसे ऐसे समय में ब्रिक्स के महत्व को रेखांकित करने की उम्मीद है जब दुनिया अभी भी कोरोना महामारी, यूक्रेन युद्ध के परिणामों से जूझ रही है। पीएम अपने संबोधन में डिजिटल परिवर्तन सहित अपनी सरकार की कुछ उपलब्धियों को भी बता सकते हैं।
शी चिनफिंग से हो सकती है मुलाकात
शिखर सम्मेलन के पहले दिन नेताओं की मुलाकात के बीच मोदी पहली बार चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के आमने-सामने होंगे। हालांकि, आधिकारिक तौर पर दोनों नेताओं के मिलने की बात अभी सामने नहीं आई है। दोनों पक्षों ने बैठक से भी इनकार नहीं किया है, क्योंकि दोनों नेता जोहान्सबर्ग में लगभग 48 घंटे तक एक साथ रहेंगे।
रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने पर भी देंगे जोर
संभावना है कि पीएम मोदी रूस-यूक्रेन युद्ध को तुरंत समाप्त करने और बातचीत और कूटनीति से इसका हल निकालने पर भी जोर दे सकते हैं। वहीं, शी चिनफिंग की उपस्थिति में पीएम आतंकवाद के मुद्दे को उठाने पर भी विचार कर सकते हैं।
सदस्यता बढ़ाने पर भी होगा जोर
ब्रिक्स की सदस्यता के लिए 22 देशों के कतार में होने के साथ, सदस्य देशों का फोकस इसके विस्तार पर भी होगा। अत्यधिक चीनी प्रभाव के डर से और पश्चिम को अलग-थलग करने से सावधान होकर, भारत और ब्राजील दोनों ने इस मुद्दे पर सावधानी से कदम उठाया है। बता दें कि फिलहाल ब्रिक्स के ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका पांच सदस्य हैं।