वाराणसी कोर्ट का बड़ा फैसला, ज्ञानवापी परिसर का ASI सर्वे होगा
वाराणसी| ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी कैंपस के वैज्ञानिक सर्वेक्षण के लिए निर्देश देने की मांग वाली हिंदू पक्ष की याचिका पर वाराणसी कोर्ट ने अपना आदेश सुना दिया है। कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष के अपील खारिज करते हुए कोर्ट ने एएसआई सर्वे को मंजूरी दे दी है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि एएसआई सर्वे के दौरान परिसर में नमाज होती रहेगी| सर्वे के इस काम को 3-6 महीने के भीतर पूरा करने का अनुमान है|
ज्ञानवापी मस्जिद मामले में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले विष्णु शंकर जैन ने बताया है कि मुझे सूचित किया गया है, मेरा आवेदन मंजूर कर लिया गया है और अदालत ने वजू टैंक (शिवलिंग) को छोड़कर, जिसे सील कर दिया गया है, पूरे ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का एएसआई सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया है।
इससे पहले 14 जुलाई को हुई सुनवाई में कोर्ट ने 21 जुलाई तक के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया था। हिंदू पक्ष के वकील का कहना था कि काशी विश्वनाथ मंदिर – ज्ञानवापी मस्जिद विवाद को पूरे मस्जिद परिसर की पुरातात्विक जांच द्वारा ही हल किया जा सकता है। जबकि मुस्लिम पक्ष एएसआई सर्वे का विरोध कर रहा है।
ज्ञानवापी का ताजा विवाद मस्जिद परिसर में श्रृंगार गौरी और अन्य देवी-देवताओं की रोज पूजा के अधिकार की मांग के बाद खड़ा हुआ। ये मूर्तियां ज्ञानवापी मस्जिद की बाहरी दीवार पर स्थित हैं। इस विवाद की शुरुआत 18 अगस्त 2021 को हुई थी, जब 5 महिलाओं ने श्रृंगार गौरी मंदिर में रोजाना पूजन और दर्शन की मांग को लेकर अदालत का दरवाजा खटखटाया था। दरअसल पहले इस परिसर में साल में केवल 2 बार परंपरा के मुताबिक पूजा की जाती थी, लेकिन फिर इन महिलाओं ने मांग की, कि अन्य देवी देवताओं की पूजा में बाधा नहीं आनी चाहिए। जब ये अपील कोर्ट के सामने आई तो उसने मस्जिद परिसर में सर्वे और वीडियोग्राफी करने के आदेश दिए इस पर रिपोर्ट देने के लिए कहा। सर्वे के दूसरे दिन सर्वे टीम के मस्जिद में घुसने को लेकर भी काफी हंगामा हुआ और टीम मस्जिद के अंदर दाखिल नहीं हो पाई थी।