मेरे लिए आस्था, पूजा व व्रत है ‘मन की बात’: पीएम मोदी
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज मन की बात के 100वें एपिसोड को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि मन की बात कार्यक्रम जन आंदोलन बन गया है। ‘मन की बात’ कोटि-कोटि भारतीयों के मन की बात है। उनकी भावनाओं का प्रकटीकरण है। 3 अक्टूबर 2014 के दिन हमने ‘मन की बात’ की यात्रा शुरू की। मन की बात में देश के कोने-कोने से लोग जुड़े। हर आयु-वर्ग के लोग जुडे़।
मुझे आप सबकी हजारों चिट्ठियां मिली हैं
पीएम मोदी ने कहा- आज ‘मन की बात’ का 100वां एपिसोड है। मुझे आप सबकी हजारों चिट्ठियां मिली हैं, लाखों संदेश मिले हैं और मैंने कोशिश की है कि ज्यादा से ज्यादा चिट्ठियों को पढ़ पाऊं, देख पाऊं, संदेशों को जरा समझने की कोशिश करूं।
आपके पत्र पढ़ते हुए कई बार मैं भावुक हुआ, भावनाओं से भर गया, भावनाओं में बह गया और खुद को फिर संभाल भी लिया। आपने मुझे ‘मन की बात’ के 100वें एपिसोड पर बधाई दी है, लेकिन मैं सच्चे दिल से कहता हूं। बधाई के पात्र तो आप सब ‘मन की बात’ के श्रोता हैं, हमारे देशवासी हैं। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कर्नाटक के दावणगेरे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 100वें एपिसोड को सुना।
मन की बात बना अनोखा पर्व
पीएम मोदी ने कहा- 3 अक्टूबर 2014 को विजया दशमी का वो पर्व था और हम सबने मिलकर विजया दशमी के दिन ‘मन की बात’ की यात्रा शुरू की थी। विजया दशमी यानी बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व ‘मन की बात’ भी देशवासियों की अच्छाइयों का सकारात्मकता का एक अनोखा पर्व बन गया है। एक ऐसा पर्व, जो हर महीने आता है, जिसका इंतजार हम सभी को होता है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने लंदन में स्थित इंडिया हाउस में मन की बात के 100वें एपिसोड को सुना।
मन की बात बना जन आंदोलन
मन की बात के 100वें एपिसोड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ‘मन की बात’ जिस विषय से जुड़ा वो जन-आंदोलन बन गया और उसे जन-आंदोलन आप लोगों ने बनाया। जब मैंने तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ साझा ‘मन की बात’ की थी, उसकी चर्चा पूरे विश्व में हुई थी। ‘मन की बात’ मेरे लिए दूसरों के गुणों की पूजा करने के जैसा ही रहा है।
100वें एपिसोड में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा- जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था तो वहां सामान्य जन से मिलना-जुलना स्वाभाविक रूप से हो ही जाता था, लेकिन 2014 में दिल्ली आने के बाद मैंने पाया कि यहां का जीवन तो बहुत अलग है। शुरूआती दिनों में कुछ अलग महसूस करता था, खाली-खाली महसूस करता था। ‘मन की बात’ ने मुझे इस चुनौती का समाधान दिया, सामान्य मानवी से जुड़ने का रास्ता दिया।
‘सेल्फी विद डॉटर’ अभियान ने मुझे बहुत प्रभावित किया
पीएम मोदी ने कहा- ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान की शुरुआत मैंने हरियाणा से ही की थी। ‘सेल्फी विद डॉटर’ अभियान ने मुझे बहुत प्रभावित किया और मैंने अपने एपिसोड में इसका जिक्र किया। जल्द ही यह ‘सेल्फी विद डॉटर’ अभियान वैश्विक हो गया। इस अभियान का मकसद लोगों को जीवन में बेटी के महत्व को समझाना था।
आध्यात्मिक यात्रा बन गया है मन की बात
पीएम मोदी ने मन की बात के 100वें एपिसोड में कहा कि मेरे लिए ‘मन की बात’ ईश्वर रूपी जनता-जनार्दन के चरणों में प्रसाद की थाल की तरह है। ‘मन की बात’ मेरे मन की आध्यात्मिक यात्रा बन गया है। ‘मन की बात’ स्व से समिष्टि की यात्रा है। ‘मन की बात’ अहम् से वयम् की यात्रा है।
मन की बात के 100वें एपिसोड का प्रसारण
बता दें कि मन की बात के 100वे एपिसोड का संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में सीधा प्रसारण किया गया। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन ने ट्वीट किया कि ऐतिहासिक क्षण के लिए तैयार हो जाइए।
पीएम मोदी ने मन की बात के 100 वें एपिसोड का 30 अप्रैल को यूएन मुख्यालय में ट्रस्टीशिप काउंसिल चैंबर में सीधा प्रसारण हुआ। न्यूयार्क में भारतीय महावाणिज्य दूतावास में भी मन की बात का प्रसारण किया गया।