उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति को मिली 7 दिन की पैरोल, बेटी की शादी में होंगे शामिल
लखनऊ: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने समाजवादी पार्टी के नेता और उप्र के पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रजापति को सात दिन की पैरोल दी है। बलात्कार के आरोपी प्रजापति को 5 मार्च को होने वाली अपनी बेटी की शादी में शामिल होने के लिए राहत दी गई है।
बता दें कि गायत्री ने 56 दिनों की अल्पकालिक जमानत के लिए आवेदन किया था, लेकिन यूपी सरकार ने इसका विरोध किया। उस पर महिला से दुष्कर्म करने और साथियों के साथ मिलकर उसकी नाबालिग बेटी से दुष्कर्म का प्रयास करने का आरोप है। पूर्व मंत्री को इस मामले में 15 मार्च 2017 को गिरफ्तार किया गया था। तब से वह जेल में हैं।
कोर्ट ने कहा है कि एक हफ्ता पूरा होने के बाद गायत्री प्रजापति खुद सरेंडर कर जेल चले आएंगे। यह आदेश न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान की एकल पीठ ने गायत्री प्रजापति की ओर से दाखिल तीन शॉर्ट टर्म जमानत याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करते हुए दिया। इन तीन याचिकाओं में से दो गायत्री प्रजापति के खिलाफ गाजीपुर और लखनऊ के गोमती नगर विस्तार थाने में दर्ज मुकदमे और एक याचिका ईडी के मुकदमे से जुड़ी थी।
मांगी थी 56 दिन की जमानत
अपनी याचिका में गायत्री प्रजापति ने बताया कि पांच मार्च को उनकी बेटी की शादी है। पिता की हैसियत से उनका उपस्थित रहना अनिवार्य है। इसक लिए उन्हें 56 दिनों की जमानत पर रिहा किया जाए। यूपी सरकार की ओर से इसका विरोध करते हुए कहा गया कि गायत्री प्रजापति के खिलाफ नौ आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। सुनवाई के बाद अदालत ने गायत्री प्रजापति को सात दिन के लिए जमानत दे दी।