सुरक्षित हवाई यात्रा के मामले में भारत दुनिया के टॉप 50 देशों में शामिल, चीन को छोड़ा पीछे
भारत के सिविल एविएशन सेक्टर के लिए अच्छी खबर है क्योंकि भारतीय विमानन सुरक्षा निरीक्षण तंत्र ने दुनिया में 48वां स्थान हासिल किया है। विमानन नियामक के एक सीनियर ऑफिसर ने कहा कि यह चार साल पहले 102वीं रैंक से 48वें स्थान पर लंबी छलांग है। महत्वपूर्ण सुरक्षा तत्वों के प्रभावी कार्यान्वयन की जांच करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन- इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गेनाइजेशन ने पिछले महीने भारतीय नागरिक उड्डयन महानिदेशालय का ऑडिट किया था।
अधिकारियों ने बताया कि ऑडिट के बाद संयुक्त राष्ट्र की विमानन शाखा ने डीजीसीए को अपना उच्चतम ईआई स्कोर 85.49 % दिया है, जो भारत को 48वें स्थान पर रखता है। उन्होंने कहा कि यह 2018 में 69.95% के स्कोर के साथ पिछले ऑडिट से उल्लेखनीय सुधार है जहां भारत 102वें स्थान पर था।
DGCA के एक अधिकारी ने बताया कि रैंकिंग में सिंगापुर शीर्ष पर है, उसके बाद यूएई और दक्षिण कोरिया का स्थान है। इस सूची में लिस्ट 49वें स्थान पर है। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय प्रमुख अरुण कुमार ने बताया कि नियामक ने भारत की सुरक्षा रैंकिंग को बेहतर बनाने के लिए अथक परिश्रम किया है और इसके परिणाम सामने हैं।
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अधिकारियों ने दावा किया कि भारत का स्कोर अब चीन (49), इजरायल (50), तुर्की (54), डेनमार्क (55) और पोलैंड (60) जैसे देशों से ऊपर है। उन्नत आईसीएओ रैंकिंग बढ़ते विमानन क्षेत्र के लिए बहुत मायने रखती है और अधिकांश एयरलाइनों के अपने बेड़े के आकार को महत्वपूर्ण रूप से मजबूत करने की संभावना है।
इंडिगो और एयर इंडिया समेत दोनों प्रमुख एयरलाइंस ने अपने बेड़े के विस्तार की योजना बनाई है। डीजीसीए के प्रमुख अरुण कुमार ने कहा कि सुरक्षा में सुधार के लिए नियामक ने पिछले कुछ वर्षो में सख्त प्रवर्तन कार्रवाई की है और यह ऑडिट और रैंकिंग में परिलक्षित हुआ है। अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन के तहत, यूनिवर्सल सेफ्टी ओवरसाइट ऑडिट प्रोग्राम सतत निगरानी दृष्टिकोण, आईसीएओ समन्वित सत्यापन मिशन 9-16 नवंबर से शुरू किया गया था।