मैनपुरी उपचुनाव: जरुरी भी मज़बूरी भी, अखिलेश और चाचा शिवपाल के बीच मुलाकात
इटावा। मैनपुरी का रण सपा के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बनता जा रहा है। मुलायम सिंह यादव के निधन के चलते होने वाले इस उपचुनाव में पुत्र अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को पिता का वास्तविक राजनीतिक उत्तराधिकारी साबित करने की चुनौती है।
मैनपुरी को सपा का गढ़ माना जाता है और इस गढ़ को बचाने के लिए अखिलेश यादव ने अपनी पत्नी व पूर्व सांसद डिंपल यादव को चुनाव मैदान में उतारा है। दिक्कत यह है कि डिंपल का मुकाबला पूर्व सपाई व वर्तमान में भाजपा प्रत्याशी रघुराज सिंह शाक्य से है। इसीलिए अखिलेश यादव कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते।
यह भी पढ़ें- उप्र: एकतरफा प्यार में युवक ने लड़की के पिता और भाई पर चाकू से किए ताबड़तोड़ वार, भाई की दर्दनाक मौत
इसी क्रम में वे अपने चाचा प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव से आज उनके सैफई स्थित आवास पर मिलने पहुंचे। अखिलेश के साथ डिंपल यादव और पूर्व सांसद धर्मेन्द्र यादव भी थे। इस दौरान परिवार के सदस्यों के अलावा किसी को भी घर में प्रवेश नहीं मिला।
इस मुलाकात के बाद अखिलेश यादव ने फोटो भी ट्वीट की। माना जा रहा है कि मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव को लेकर शिवपाल सिंह यादव के साथ कई मुद्दों पर वार्ता करने अखिलेश यादव उनके घर पहुंचे थे।
करीब 45 मिनट तक चली मुलाकात
अखिलेश यादव और शिवपाल के बीच मुलाकात करीब 45 मिनट तक चली। डिंपल ने चाची सरला यादव से भी मुलाकात की। इन सभी के शिवपाल के आवास पर आगमन की सूचना पर मीडिया का भी जमावड़ा लग गया।
इस दौरान शिवपाल सिंह यादव के आवास से परिवार के सदस्यों के अलावा सुरक्षा के जवान एवं निजी पीएसओ भी बाहर निकाल दिए गए थे। वार्ता के पश्चात अखिलेश एवं डिंपल यादव एक साथ गाड़ी में बैठकर बाहर निकल गए।
लम्बे समय से इटावा के साथ मैनपुरी में ही डटे हुए अखिलेश यादव को भी पता है कि इस चुनाव में बिना शिवपाल यादव को अपने साथ रखे, डिंपल की राह आसान नहीं होगी। ओमप्रकाश राजभर के साथ ही शिवपाल सिंह यादव को सपा गठबंधन से जुदा करने वाले अखिलेश यादव ने आज यह बड़ा कदम उठाया।
समाजवादी पार्टी ने मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में अपने 40 स्टार प्रचारकों की सूची में शिवपाल सिंह यादव का भी नाम शामिल किया है। अब देखना है कि शिवपाल प्रचार करने जाते हैं या नहीं।