लैंड फॉर जॉब स्कैम, फिर फसे लालू यादव, चार्जशीट दायर
पटना/नई दिल्ली। लालू यादव के एक बार फिर आरजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने से पहले ही रेलवे में लैंड फॉर जॉब स्कैम (जमीन के बदले नौकरी) में केंद्रीय जांच एजेंसी ने चार्जशीट दायर कर दी है। CBI ने लैंड फॉर जॉब स्कैम में लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटी मीसा भारती समेत 16 लोगों को आरोपी बनाया गया है। ऐसे में आरजेडी और लालू परिवार की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
बता दें कि लालू यादव फिर से राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में निर्विरोध निर्वाचित हो गए हैं। 9 और 10 अक्टूबर को दिल्ली में होने वाले आरजेडी के अधिवेशन में इसकी आधिकारिक घोषणा की जाएगी।
आरजेडी के अधिवेशन से पहले लैंड फॉर जॉब्स स्कैम में चार्जशीट दायर होने से बिहार की सियासत गर्मा गई है। बता दें कि यह पूरा मामला 2004 से 2009 के बीच का है जब लालू यूपीए सरकार में रेल मंत्री थे। आरोप है कि लालू के रेल मंत्री रहते हुए रेलवे में कई लोगों को नियमों के खिलाफ जाकर नौकरियां दी गई थीं। इसके बदले में उनसे लालू परिवार के लोगों और उनके करीबियों के नाम जमीन लिखवाई गई।
क्या है लैंड फॉर जॉब्स स्कैम?
CBI ने अपनी चार्जशीट में जिन लोगों को आरोपी बनाया है उनमें से कुछ ऐसे भी हैं जिन्हें नौकरी दी गई थी। आरोपों के मुताबिक लालू यादव जब रेल मंत्री थे तो पहले लोगों को अस्थायी तौर पर नौकरी दी गई।
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ये नौकरियां रेलवे में बिना किसी विज्ञापन के निकाली गई थी। अस्थायी तौर पर नियुक्ति के बाद नौकरी लेने वालों से जमीन गिफ्ट करवाई जाती थी। ये जमीनें लालू परिवार के लोगों के नाम पर करवाई जाती थी। लैंड डील पूरी होने के बाद अस्थायी कर्मचारी को स्थायी कर दिया जाता था। लालू के सैकड़ों सगे-संबंधियों और करीबियों को इसी तरह रेलवे में नियुक्ति दी गई।
इस मामले में लालू यादव के ओएसडी रहे भोला यादव को CBI ने कुछ महीने पहले गिरफ्तार किया था। बताया जा रहा है कि भोला लैंड फॉर जॉब्स स्कैम के मुख्य कर्ता-धर्ता हैं। उनपर आय से अधिक संपत्ति का भी आरोप है। इसके अलावा सीबीआई ने लालू परिवार और आरजेडी नेताओं के ठिकानों पर छापेमारी भी की थी। सीबीआई को पटना और अन्य इलाकों में कई जमीनों के सेल और गिफ्ट डीड मिले थे।