देश के सबसे ताकतवर मुस्लिम संगठन PFI पर 5 साल का बैन, इनकी गतिविधियों से देश की सुरक्षा को खतरा
नई दिल्ली। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया PFI की आतंकी फंडिंग और अन्य गतिविधियों के चलते भारत में पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है। इसके लिए गृह मंत्रालय की ओर से अधिसूचना भी जारी किया गया है. यूएपीए एक्ट के तहत इस संगठन पर प्रतिबंध लगाया गया है। पीएफआई पर बैन करने के बाद पूरे देश भर की कानून व्यवस्था पर कड़ी नज़र रखी जा रही है।
PFI के सहयोगी संगठन पर भी प्रतिबन्ध
PFI के के साथ-साथ उनके सहयोगी संगठन रिहैब इंडिया फाउंडेशन, कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया, नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन, ऑल इंडिया इमाम काउंसिल,नेशनल विमेन फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन(केरल) पर भी बैन लगाया गया है।
PFI को लेकर काफी दिनों से पूरे देश में छापेमारी चल रही थी। छापेमारी के दौरान कई गिरफ्तारियां भी हुई हैं. एक दिन पहले पीएफआई पर बड़ी कार्रवाई हुई थी। उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात, दिल्ली, महाराष्ट्र, असम और मध्य प्रदेश में 230 से अधिक लोग गिरफ्तार किए या हिरासत में लिए गए। एनआईए व पुलिस टीमों ने मंगलवार तड़के से ही पीएफआई के ठिकानों पर छापे मारने शुरू कर दिए थे जो दिनभर चले। कर्नाटक में 80, जबकि यूपी में 57 लोगों को पकड़ा गया है।
प्रतिबंधित करने की उठ रही थी मांग
CAA – NRC विरोधी आंदोलनों के बाद से पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की मांग जोर-शोर से उठ रही थी। बीजेपी शासित कई राज्य ये मांग कर रहे थे। झारखंड में इसको बैन किया गया है। जहां राज्य सरकार ने कहा था कि पीएफआई पर देश विरोधी गतिविधियों और आईएस जैसे कुख्यात अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन से इसके रिश्ते के चलते इस पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है। ये बैन 2019 से ही लगा हुआ है।