उत्तराखंड के सीएम पहुचे नानकमत्ता साहिब, अब बदल जायेगा नानकमत्ता शहर का नाम
नानकमत्ता। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुद्वारा नानकमत्ता साहिब पहुंचकर शीश नवाया। इसके सीएम धामी ने डेरा कार सेवा पहुंचकर बाबा हरबंश सिंह, बाबा फौजा सिंह, बाबा टहल सिंह की श्रद्धांजलि सभा में पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की तथा हाथ जोड़कर नमन किया। इस अवसर पर गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सरोपा व प्रतीक चिह्न भेंट किया।
सीएम ने कहा कि बाबा टहल, हरबंश सिंह, बाबा फौजा सिंह ने स्वयं कष्ट सह कर व भूखे – प्यासे रहकर समाज की भलाई एवम् सेवा का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि सिख पंथ ने सदा मानव सेवा एवम सेवा भाव का प्रसार किया है और देश तथा गरीबों की सेवा की है।
शहर का बदल जायेगा नाम
इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नानकमत्ता शहर का नाम श्री नानकमत्ता साहिब करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि नानकमत्ता साहिब में श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों के आवागमन हेतु हेली सेवा शुरू करने की संभावनाओं पर भी विचार किया जा रहा है।
धामी ने कहा कि धर्म एवं राष्ट्र की रक्षा में हंसते-हंसते अपने प्राणों को न्यौछावर करने वाले गुरुओं के पराक्रम, तपस्या,त्याग एवं बलिदान तथा उनके संस्कार व व्यक्तित्व की युवा पीढ़ी में झलक हो, इसलिए हमें अपने गुरुओं को याद करना होगा और उनके इतिहास का स्मरण करना होगा।
उन्होंने कहा कि गुरुओं ने हमें धर्म, संस्कृति के साथ मान सम्मान से जीवन जीने की प्रेरणा दी है। गुरु तेग बहादुर ने औरंगजेब के जुल्म से धर्म की रक्षा की थी। उन्होंने कहा कि धर्म एवं समाज की रक्षा के लिए गुरु द्वारा दिए गए बलिदान को हम कभी भूल नहीं सकते।
प्रदेश में लागू होगी समान नागरिक संहिता
सीएम ने कहा कि राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए पूर्व जज रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में कमेटी ड्राफ्ट बनाने का काम कर रही है, ड्राफ्ट पूरा हो जाने पर उत्तराखंड समान नागरिक संहिता लागू करने वाला देश का पहला राज्य होगा।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य में भ्रष्टाचार को जड़ से समाप्त करने के लिए 1064 नंबर लांच किया गया है। कोई भी व्यक्ति रिश्वत घूस आदि लेने की मांग करता है तो 1064 नंबर पर शिकायत दर्ज कर सकते हैं, शिकायतकर्ता का नाम गोपनीय रखा जाएगा।
उन्होंने कहा कि कई सारे रिश्वतखोरों एवं भ्रष्टाचारियों को जेल की सलाखों के पीछे भेजा जा चुका है। सरलीकरण,समाधान,निस्तारण के मंत्र को आत्मसात करते हुए सरकार चल रही है। राज्य में नई कार्य संस्कृति विकसित हो रही है, जिससे कि जरूरतमंदों का काम बिना किसी सिफारिश के स्वतः ही होते चले जाएं।