भारतीय नौसेना को शुक्रवार दो सितंबर, 2022 को नया निशान यानि प्रतीक चिह्न मिल गया। भारत के पहले स्वदेशी एयरक्रॉफ्ट करियर आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) मिलने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केरल के कोच्चि स्थित कोचिन शिपयार्ड में एक कार्यक्रम के दौरान देश को समर्पित किया। नए नेवी के निशान ने औपनिवेशिक काल की गुलामी की मानसिकता के प्रतीक से छुटकारा दिला दिया।
PM Narendra Modi launches the new ensign of Indian Navy. Drops red St George's Cross. pic.twitter.com/coztII2Skc
— Tajinder Pal Singh Bagga (@TajinderBagga) September 2, 2022
क्या होता निशान या ध्वज?
किसी भी देश की नौसेना का एक ध्वज होता है। जो नौसेना के युद्धपोतों, ग्राउंड स्टेशनों और उसके हवाई अड्डों सहित सभी नौसैनिक प्रतिष्ठानों के ऊपर फहराया जाता है। इसे नौसेना का निशान या ध्वज कहते हैं। भारतीय नौसेना का भी अपना निशान या ध्वज है। जिसमें सफेद रंग के आधार पर लाल रंग का क्रॉस बना हुआ है।
जो कि सेंट जॉर्ज का प्रतीक है। ध्वज के ऊपरी कोने में तिरंगा बना हुआ है। साथ ही क्रॉस के बीच में अशोक चिन्ह बना हुआ है। अब इसी निशान या ध्वज को बदला जा रहा है।
नया ध्वज कैसे होगा अलग
भारतीय नौसेना के इतिहास को देखा जाय तो 2 अक्टूबर 1934 को नैवल सर्विस को रॉयल इंडियन नेवी का नाम दिया गया। और जब बंटवारे के बाद भारत, पाकिस्तान की सेनाएं बनीं तो नौसेना रॉयल इंडियन नेवी और रॉयल पाकिस्तान नेवी के रूप में बंट गई।
इसके बाद 26 जनवरी 1950 को इंडियन नेवी में से रॉयल शब्द को हटा लिया गया और उसे भारतीय नौसेना नाम दिया गया। आजादी के पहले तक नौसेना के ध्वज में ऊपरी कोने में ब्रिटिश झंडा बना रहता था। जिसकी जगह तिरंगे को जगह दी गई। अब जो जानकारी मिली है नए ध्वज में जो क्रॉस का चिन्ह है उसे हटाया जा सकता है। ध्वज में बना क्रॉस सेंट जार्ज का प्रतीक है।
पहले भी बदला गया ध्वज
नौसेना के ध्वज को इसके पहले साल 2001 में अटल बिहारी बाजपेयी की सरकार के समय भी बदला गया था। जिसमें सफेद झंडे के बीच में जॉर्ज क्रॉस को हटाकर नौसेना के एंकर को जगह दी गई ।और ऊपरी बाएं कोने पर तिरंगे को बरकार रखा गया था। नौसेना के ध्वज में बदलाव की मांग लंबे समय से लंबित थी, जिसमें बदलाव के लिए मूल सुझाव वाइस एडमिरल वीईसी बारबोजा की ओर से आया था।
हालांकि 2004 में ध्वज या निशान में फिर से बदलाव किया गया। और ध्वज में फिर से रेड जॉर्ज क्रॉस को शामिल कर लिया गया। क्योंकि ऐसी शिकायतें थीं कि नीले रंग के कारण निशान स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं दे रहा था। नए बदलाव में लाल जॉर्ज क्रॉस के बीच में अब राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ को शामिल किया गया। इसके बाद 2014 में एक और बदलाव कर देवनागरी भाषा में राष्ट्रीय प्रतीक के नीचे सत्यमेव जयते लिखा गया।
ब्रिटिश औपनिवेशिक काल के अधिकतर देशों ने अब अपने नौसैना के निशान को बदल दिया है। इसमें ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, कनाडा, दक्षिण अफ्रीका देश शामिल है। इन सभी देशों के ध्वज पर पहले ब्रिटिश झंडा लगा रहता था। (एजेंसी इनपुट के साथ)