सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ भारत को पहला स्वदेशी टीका मिल गया है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और बायोटेक्नोलॉजी विभाग ने 1 सितंबर यानी आज स्वदेशी वैक्सीन (टीका) को लॉन्च कर दिया है। इस वैक्सीन को लेकर ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने 12 जुलाई को मार्केट अथॉराइजेशन दिया था। यह पहली क्वाड्रिवेलेंट ह्यूमन पैपिलोमावायरस वैक्सीन (qHPV) है। इस टीका (cervical cancer indigenous vaccine) के आने से बीमारी से बचाव आसान होगा।
Cervical Cancer की कीमत और उपलब्धता
देश में सर्वाइकल कैंसर से पीड़ित लोगों को अब जल्द ही राहत मिलने वाली है। नवंबर के आसपास सर्वाइकल कैंसर का देसी टीका मिलने लगेगा। इसकी कीमत 200 से 400 रुपए के बीच हो सकती है। ये काफी सस्ती और सुरक्षित वैक्सीन है। आपको बता दें कि सर्वाइकल कैंसर के 1.23 लाख मामले हर साल आते हैं। इसमें लगभग 67,000 महिलाओं की मौत हो जाती है। निश्चित तौर पर अब इस वैक्सीन के जरिए इन महिलाओं को बचाया जाएगा।
9 से 14 साल की लड़कियों को दी जा सकती है वैक्सीन
सर्वाइकल कैंसर एक प्रकार का कैंसर है। ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV) सर्वाइकल कैंसर पैदा करने में सबसे ज्यादा जिम्मेदार है। वैक्सीन (Vaccine) सबसे पहले 9 से 14 साल की लड़कियों को दी जा सकती है। भारत ने हाल में कोविड-19 से बचने के लिए भी देसी टीका बनाकर अपनी क्षमता का परिचय दुनिया का कराया था।
Cervical Cancer पर पा सकेंगे नियंत्रण
Cervical Cancer की सबसे बड़ी वजह है HPV यानी Human Papilloma Virus Infection। इससे कई तरह का कैंसर होता है। इसमें पर्याप्त सिंगल डोज लगती है, जिसमें बूस्टर की कोई जरूरत नहीं होती है। सर्वाइकल केंसर की डोज की शुरुआत सबसे पहले लड़कियों से होगी, ताकि Cervical Cancer पर नियंत्रण किया जा सके। अगर एक बार ये रोक लगाने में सफलता हुई तो अगले चरण में लड़कों को भी ये वैक्सीन दी जा सकती है।
सर्वाइकल कैंसर के मरीजों का आकंड़ों
जानकारी के मुताबिक, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (IARC-WHO) के मुताबिक देश में सर्वाइकल कैंसर (cervical cancer) के 1.23 लाख मामले हर साल आते हैं। इसमें लगभग 67,000 महिलाओं की मौत हो जाती है। सर्वाइकल कैंसर के मामलों में भारत (cervical cancer in India) का पांचवां स्थान है।
15 से 44 साल के लोग हैं शिकार
भारत में सर्वाइकल कैंसर दूसरा सबसे आम कैंसर का प्रकार है। आंकड़ों के मुताबिक, 15 से 44 साल की महिलाओं में कैंसर से होने वाली मौतों की दूसरी बड़ी वजह है।