उत्तराखंडः अमृत सरोवर के निर्माण में आई तेज़ी, हरिद्वार जिला सबसे आगे
प्रदेशभर में अमृत सरोवर के निर्माण में तेजी आई है। केंद्र सरकार की ओर से लगातार की जा रही मॉनिटरिंग का असर उत्तराखंड में भी देखने को मिला है। प्रदेशभर में 375 के मुकाबले आठ अगस्त तक 377 अमृत सरोवर का निर्माण पूरा हो चुका है, जबकि पिछले कुछ दिनों तक यह लक्ष्य हासिल करना कठिन दिखाई दे रहा था।
आजादी के अमृत महोत्सव के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 अप्रैल को अमृत सरोवर योजना की औपचारिक घोषणा की थी। इस योजना के तहत देशभर में प्रत्येक राज्य के प्रत्येक जिले में 75-75 तालाब बनाए जाने हैं। उत्तराखंड में इस योजना के तहत कुल 1279 स्थलों को चिह्नित किया गया है।
इनमें से 959 नए तालाब और 320 का जीर्णोद्धार किया जाना है। प्रदेश में ग्राम्य विकास विभाग को 926, वन विभाग को 312 और शहरी विकास विभाग को 41 अमृत सरोवर बनाने का लक्ष्य दिया गया है। अपर सचिव व आयुक्त ग्राम्य विकास आनंद स्वरूप के अनुसार, विभाग ने शत प्रतिशत लक्ष्य को हासिल कर लिया है। कई जिलों ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए लक्ष्य से आगे अतिरिक्त अमृत सरोवर का निर्माण किया है।
15 अगस्त तक जिलों को दिए गए लक्ष्य
जिला – लक्ष्य – उपलब्धि
अल्मोड़ा – 32- 30
बागेश्वर – 28 – 30
चमोली – 26 – 21
चंपावत – 28 – 33
देहरादून – 35 – 29
हरिद्वार – 37 – 42
नैनीताल – 20 – 24
पौड़ी – 33 – 34
पिथौरागढ़ -33 – 35
रुद्रप्रयाग – 20 – 17
टिहरी – 28 – 29
यूएसनगर -30 – 31
उत्तरकाशी – 25 – 22
कुल – 375 – 377
इस उद्देश्य से बनाए जा रहे तालाब
केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी अमृत सरोवर योजना यदि प्रदेश में सुचारु ढंग से चली तो आने वाले समय में इसके तमाम लाभ प्रदेश को मिलेंगे। तालाबों में जमा पानी का उपयोग सिंचाई के साथ पशुपालन, मत्स्य पालन इत्यादि में किया जाएगा। इसके अलावा यह भूजल रिचार्ज का बड़ा स्रोत बनेंगे। इन तालाबों के निर्माण से प्रदेश में हर वर्ष वनों में लगने वाली को नियंत्रित करने में भी मदद मिलेगी।