कोरोना वायरस दुनियाभर में एक बड़ी मुसीबत बनकर सामने आया। शुरूआत में इसके बारे में कोई कुछ भी नहीं जानता था। लोग इस खतरनाक वायरस से संक्रमित हो रहे थे और मर रहे थे। लेकिन इसके ईलाज का तरीका और दवा तक किसी को नहीं मालूम थी। दुनियाभर में इससे करोड़ों लोग संक्रमित हुए और लाखों लोगों की जान चली गई। इसके आने के लगभग एक साल बाद वैज्ञानिकों और डॉक्टरों से इससे बचाव के लिए वैक्सीन खोज निकाली और लोगों के युद्धस्तर पर लगाई जाने लगीं।
भारत में भी सरकार ने प्राथमिकता से लोगों को टीका लगाना शुरू किया। अब तक 200 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन की डोज देश में लगाई जा चुकी हैं। देश में 16 जनवरी 2021 को वैक्सीन की पहली डोज लगाई गई और यह मनीष कुमार नमक व्यक्ति को एम्स दिल्ली में लगाई गई, जोकि वहां एक सफाई कर्मचारी थे। सरकार ने देशभर में बड़े स्तर पर वैक्सीन लगाने का प्रोग्राम चलाया। लेकिन इसके बावजूद अभी भी देश में 4 करोड़ लोग ऐसे हैं, जिन्होंने अभी तक वैक्सीन की एक भी डोज नहीं लगवाई हैं। जहां एकतरफ सरकार फ्री में तीसरा डोज लगवा रही है, वहीं दूसरी ओर 4 करोड़ लोगों का एक भी डोज न लगवाना सरकार के लिए चिंता का सबब बन रहा है।
18 जुलाई तक 4 करोड़ लोगों ने वैक्सीन की 1 भी डोज नहीं लगवाई – सरकार
केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने शुक्रवार को लोकसभा को बताया, “18 जुलाई तक करीब 4 करोड़ लाभार्थियों ने कोविड के टीके की एक भी खुराक नहीं ली है।” आपको बता दें कि अब तक प्रशासित कुल 201 करोड़ से अधिक खुराकों में से 97% से अधिक को सरकारी टीकाकरण केंद्रों पर मुफ्त में वैक्सीन दी गई है। हाल ही में केंद्र सरकार ने ने सभी पात्र वयस्कों को मुफ्त बूस्टर शॉट देने के लिए 75-दिवसीय विशेष अभियान भी शुरू किया है।
अब तक देश भर में वयस्कों को कुल लगभग 6.77 करोड़ आबादी ने एहतियाती खुराक (बूस्टर डोज) ली है। इस विशेष अभियान से पहले सरकारी कोविड टीकाकरण केंद्रों (CVCs) में इस साल 16 मार्च से स्वास्थ्य कर्मियों (HCWs), फ्रंट-लाइन वर्कर्स (FLWs) और 60 वर्ष से अधिक आयु के सभी लाभार्थियों के लिए एहतियाती खुराक मुफ्त उपलब्ध थी। स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, भारत की 98% वयस्क आबादी को कोविड-वैक्सीन की कम से कम एक डोज लग चुकी है।