क्या दुनिया भर में करोड़ों लोग हो जाएंगे गरीब, IMF ने दी कौन सी चेतावनी ?
आर्थिक मोर्चे पर दुनिया की चुनौतियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। पहले कोरोना महामारी ने दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं के लिए मुश्किल हालात पैदा किया। अब दुनिया महंगाई की मार से परेशान है और वैश्विक आर्थिक मंदी का खतरा सिर पर है। इस बीच अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी IMF की प्रमुख क्रिस्टालिना जियॉर्जिएवा ने महंगाई को लेकर एक ऐसी चेतावनी दी है, जो दुनिया भर के नीति-नियंताओं के लिए चिंता बढ़ाने वाली है। उन्होंने साफ कहा कि अगला साल यानी 2023 भी कम चुनौतीपूर्ण नहीं होने वाला है और अभी दशकों के उच्च स्तर पर पहुंची महंगाई के कारण दुनिया भर में करोड़ों लोग गरीबी के शिकंजे में फंसने वाले हैं।
क्रिस्टिलीना जिर्योजिएवा ने एक ब्लॉग के जरिए महंगाई की मार को लेकर एक चेतावनी दी है, जो पूरी दुनिया की चिंता बढ़ाने वाली है। क्रिस्टिलीना जिर्योजिएवा ने ब्लॉग के जरिए कहा कि साल 2022 मुश्किल भरा होगा और साल 2023 और भी अधिक मुश्किल भरा होने वाला है। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि महंगाई से लोगों को जल्द राहत नहीं मिलने वाली है। इसकी वजह से दुनिया भर के गरीब देशों के 7 करोड़ लोग गरीब हो जाएंगे।
आइएमएफ की MD क्रिस्टालिना ने चिंता जताते हुए कहा कि पूरे दुनिया भर में महंगाई उच्चतम स्तर पर बनी हुई है। वहीं रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध ने इसे और अधिक बढ़ाया है। अधिकांश गरीब देश 5 फीसदी से अधिक महंगाई का सामना कर रहे हैं। आने वाले समय में महंगाई की स्थिति और बुरी हो सकती है। इसके कारण कई देशों में समाज के स्तर में अस्थिरता आ सकती है।
आईएमएफ के अनुमान के अनुसार, साल 2022 के दौरान विकसित अर्थव्यवस्थाओं में महंगाई की दर 5.7 फीसदी रह सकती है, जबकि विकासशील देशों में यह दर बढ़कर 8.7 फीसदी पर पहुंच जाने के अनुमान हैं.
उन्होंने दुनिया के सभी देशों से महंगाई को काबू करने के हरसंभव कदम उठाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि सेंट्रल बैंक्स ब्याज दरें बढ़ा रहे हैं और महंगाई को काबू करने में यह उपयोगी साबित हो सकता है. उन्होने कर्ज दरों को बढ़ाने का समर्थन किया और कहा कि अभी कदम उठाने से तकलीफ कम होगी.उन्होंने पोस्ट में लिखा कि पिछले एक साल में यानी जुलाई 2021 से लेकर अब तक दुनिया भर के 75 सेंट्रल बैंक ब्याज दर को औसतन 3.8 गुना बढ़ा चुके हैं.