नमाज़ का वीडियो वायरल होने के बाद लुलु मॉल प्रशासन ने मॉल परिसर में जगह जगह चस्पा की नोटिस
उत्तरी भारत का सबसे बड़ा मॉल होने का दावा करने वाला लुलु मॉल बड़े विवाद में फंसता जा रहा है। शॉपिंग डेस्टिनेशन की जगह महज पांच दिनों में ही मॉल विवाद में फंस गया है। गुरूवार को मॉल में नमाज पढ़ी जाने का वीडियो वायरल हुआ था जिसके बाद हंगामा मच गया था।
सार्वजनिक स्थान पर नमाज़ के विरोध में हिंदू महासभा ने यहां सुंदरकांड का पाठ करने का ऐलान किया था। लेकिन विवाद यहीं नहीं थमा, हिंदू महासभा के प्रवक्ता शिशिर चतुर्वेदी ने आज नमाज का एक और नया वीडियो जारी करते हुए कहा कि लुलु मॉल नहीं लुलु मस्जिद है, यहां पर जमीन खरीद कर अलग तरीके का एजेंडा चलाया जा रहा है। उन्होंने प्रशासन से कार्रवाई करने की अपील की है।
विवाद बढ़ता देख, अब लुलु माॅल प्रशासन ने परिसर में नोटिस लगाई है। जिसमें लिखा है कि- ” मॉल परिसर में किसी तरह की धार्मिक प्रार्थना नही होगी”। बता दें कि नमाज़ का वीडियो वायरल होने के बाद मॉल प्रशासन ने मॉल परिसर में जगह जगह नोटिस चस्पा की है।
बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 10 जुलाई को लुलु मॉल का उद्घाटन किया था। लुलु ग्रुप के MD एमए यूसुफ अली हैं, जो अरब के बड़े कारोबारी हैं। उद्घाटन के तीन दिन बाद, यानी 13 जुलाई को एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें कुछ लोग लुलु मॉल में नमाज पढ़ते नजर आ रहे थे।
इस पर अखिल भारतीय हिंदू महासभा समेत अन्य हिंदू संगठनों ने नाराजगी जताते हुए कहा कि यहां मॉल के नाम पर मस्जिद बनाई गई है। विवाद बढ़ते देख मॉल प्रबंधन ने सुशांत गोल्ड सिटी थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज करा दी। इसमें कहा गया है कि सार्वजनिक स्थानों पर पूजा-पाठ या नमाज अदा करने पर पाबंदी है फिर भी यहां नमाज अदा की गई। मामले में धारा 153A, 295A, 341 समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।