केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित न्यू लेबर कोड 1 जुलाई से लागू होने वाला था। सरकार चाहती थी कि सारे राज्य एक साथ न्यू लेबर कोड को लागू करे, लेकिन बात नहीं बन पाई। इस वजह से लेबर कोड का मामला अब बीच मे अटक गया है। 23 राज्य इस कोड के प्री पब्लिश्ड ड्राफ्ट को अपना चुके हैं, लेकिन बाकी बचे हुए राज्यों ने अभी तक न्यू लेबर कोड को लागू करने की हरी झंडी नहीं दी है। न्यू लेबर कोड के तहत सरकार 4 नए बदलाव लाना चाहती है।
तीन दिन का वीकली ऑफ
नए वेज कोड के अनुसार, नौकरीपेशा लोगों को सप्ताह के 4 दिन काम करना पड़ेगा जिसके बदले उन्हें 3 दिन का अवकाश दिया जाएगा। हालांकि,अब लोगों को ऑफिस में 12 घंटे काम करना पड़ेगा जिससे काम की अवधि से कोई समझौता ना हो। फिलहाल, कर्मचारी हफ्ते के 5 दिन 8 से 9 घंटा काम करते हैं।
छुट्टियों को लेकर बदलाव
किसी भी संस्थान में लंबे वक़्त की छुट्टी प्राप्त करने के लिए कर्मचारी को कम से कम 240 दिन काम करना पड़ता था। नए लेबर कोड के अंतर्गत इस अवधि को घटाकर 180 दिन (6 महीने) कर दिया गया है।
दो दिन के अंदर फुल एंड फाइनल
कंपनी को कर्मचारी के नौकरी छोड़ने, बर्खास्ती , छटनी और इस्तीफे के दो दिन के अंदर कमर्चारी की सैलरी की भुगतान करना होगा। फिलहाल, कंपनियां फुल एंड फाइनल करने में 30 से 60 दिन तक का समय लेती हैं।
सैलरी में आएगा बदलाव
न्यू वेज कोड के लागू होने बाद टेक होम सैलरी अकाउंट में कम आएगी। कोड के तहत किसी भी कर्मचारी की बेसिक सैलरी उसकी टोटल सैलरी का 50 फ़ीसदी या उससे अधिक होना चाहिए। बेसिक सैलरी बढ़ने पर पीएफ फण्ड में कंट्रीब्यूशन बढ़ेगा जिससे रिटायरमेंट के टाइम कर्मचारियों को एक मोटी रकम दी जाएगी।
कर्मचारियों के भविष्य को मद्देनज़र रखते हुए सरकार ने ये बदलाव किये हैं। हालांकि कुछ राज्यों के इस कोड न लागू करने पर इस मामले को फिलहाल के लिए स्थगित कर दिया गया है।