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ज्ञानवापी प्रकरण में आया नया मोड़, हिंदू पक्ष ने बनाया नया ट्रस्ट, आज होगी सुनवाई

वाराणसी के ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी प्रकरण में मंगलवार को जिला जज की अदालत में सुनवाई होनी है। मगर उससे पहले इस मामले में नया मोड़ आ गया है। प्रकरण में हिंदू पक्ष की ओर से वाराणसी निवासी चार महिला वादियों ने ट्रस्ट बनाया है। इस ट्रस्ट पर कोर्ट में जारी मामले को देखने की जिम्मेदारी होगी।

दिल्ली निवासी राखी सिंह को छोड़कर लक्ष्मी देवी, सीता साहू, मंजू व्यास और एक अन्य महिला वादी इस ट्रस्ट में शामिल हैं। इस बाबत हिंदू पक्ष के अधिवक्ता सुधीर त्रिपाठी ने इसकी पुष्टि की है।

सूत्रों की मानें तो ट्रस्ट का रजिस्ट्रेशन भी करवा लिया गया है और उद्घाटन आज शाम में किया जाएगा। इसका नाम श्री आदि महादेव काशी धर्मालय मुक्ति न्यास रखा गया है। सुनवाई का खर्च ट्रस्ट उठाएगा ट्रस्ट को कोर्ट के मामले को देखने की जिम्मेदारी दी जा रही है। ज्ञानवापी प्रकरण में होने वाली सुनवाई का खर्च ट्रस्ट उठाएगा।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक, उद्घाटन समारोह में चारों वादी महिलाओं और हिंदू पक्ष के सभी अधिवक्ता मौजूद रहेंगे। साथ ही सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील हरिशंकर जैन, विष्णु जैन, हाईकोर्ट की वकील रंजना अग्निहोत्री और अन्य लोग भी रह सकते हैं। यह ट्रस्ट पूरे मामले में खर्च समेत तमाम जिम्मेदारियों की निगरानी करेगा। मामलों की समय समय पर प्रगति की समीक्षा कर आगे की रणनीति भी तय करेगा। इसके पूर्व कई लोगों की ओर से वाद दाखिल होने के साथ ही एक बैनर का अभाव भी बना हुआ था।

पिछली सुनवाई में महिला वादी राखी सिंह की तरफ से अधिवक्ता हरिशंकर जैन, सुधीर त्रिपाठी, सुभाष नंदन चतुर्वेदी और मदनमोहन यादव को हटाने के लिए आवेदन कोर्ट में दिया गया था। इसके बाद हिंदू पक्ष की तरफ से श्री आदि महादेव काशी धर्मालय मुक्ति ट्रस्ट का गठन किया गया है। जिला जज की अदालत में कल है अहम सुनवाई वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर स्थित श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन व अन्य विग्रहों के संरक्षण मामले में जिला जज की अदालत में मंगलवार को अहम सुनवाई होनी है। मामले में अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी (मुस्लिम पक्ष) ने दाखिल 51 बिंदुओं पर आपत्ति पर दलील पूरी कर ली है।

कल मुस्लिम पक्ष अदालत में कानूनी बिंदुओं पर दलील रखते हुए कोर्ट से गुजारिश करेगा कि यह वाद ऑर्डर 7 रूल 11 के तहत सुनवाई योग्य नहीं है और राखी सिंह समेत 5 महिलाओं की तरफ से दाखिल वाद को खारिज किया जाए। जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पांच महिलाओं की तरफ से 51 बिंदुओं पर शृंगार गौरी के नियमित दर्शन के लिए दाखिल वाद के सुनवाई योग्य है या नहीं पर बहस चल रही है।

हिंदू पक्ष के अधिवक्ता वाद के समर्थन में पेश करेंगे दलीलें वादी पक्ष के अधिवक्ता अनुपम द्विवेदी ने बताया कि अगली तारीख पर मुस्लिम पक्ष की पोषणीयता के बिंदु पर बहस हो जाने के बाद पांच महिलाओं की तरफ से हिंदू पक्ष के अधिवक्ता वाद के समर्थन में दलीलें पेश कर स्थिति स्पष्ट करेंगे। इसी आधार पर अदालत में बताएंगे कि यह मामला सुनवाई योग्य है और यहां विशेष धर्म उपासना स्थल विधेयक 1991 लागू नहीं होगा।

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