ऐसे शुरू हुई थी मुलायम-साधना की लव-स्टोरी, मुलायम कुछ यूं हुए थे साधना से इंप्रेस
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व समाजावादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता का शनिवार को मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। साधना को फेफड़ों में इंफेक्शन की शिकायत थी। इंफेक्शन की शिकायत के बाद तकरीबन 4 दिन पहले उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, जहां शनिवार 9 जुलाई को उन्होंने अंतिम सांस ली।
मुलायम सिंह यादव की लव-स्टोरी 40 साल पहले सैफई के एक अस्पताल से शुरू हुई थी। और नौ जुलाई 2022 को ये कहानी गुरुग्राम के एक अस्पताल में खत्म हो गई। मुलायम की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता का निधन हो गया है। आइए, आपको मुलायम और साधना की पूरी लव-स्टोरी बताते हैं।
ये कहानी शुरू होती है 40 साल पहले, यानी 1982 से, देश में कांग्रेस टूट रही थी। UP में पिछड़ा वर्ग, खासकर यादवों का दबदबा बढ़ रहा था। मुलायम सिंह यादव तब सबसे ज्यादा चर्चा में थे। तब समाजवादी पार्टी नहीं थी। राष्ट्रीय लोकदल था।
उसी समय औरैया जिले के बिधूना के रहने वाले कमलापति की 23 साल की बेटी साधना गुप्ता नर्सिंग की ट्रेनिंग कर रही थी। वह राजनीति में कुछ करना चाहती थी। वह राजनीतिक कार्यक्रमों में आती थीं। उसी दौरान मुलायम की आंखें उनसे टकराईं।
“शुरुआत में साधना और मुलायम की आम मुलाकातें हुईं। मुलायम की मां की वजह से दोनों करीब आए। मुलायम की मां मूर्ती देवी बीमार रहती थीं। साधना ने लखनऊ के एक नर्सिंग होम और बाद में सैफई मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान मूर्ति देवी की देखभाल की।” ऐसा बताते हैं कि मेडिकल कॉलेज में एक नर्स मूर्ति देवी को गलत इंजेक्शन लगाने जा रही थी। उस समय साधना वहां मौजूद थीं और उन्होंने नर्स को ऐसा करने से रोक दिया। साधना की वजह से ही मूर्ति देवी की जिंदगी बची थी।”
मुलायम इसी बात से इम्प्रेस हुए और दोनों की रिलेशनशिप शुरू हो गई। तब अखिलेश यादव स्कूल में स्टूडेंट थे। दरअसल, साधना खुद नर्स रही हैं। उन्होंने शुरुआती दिनों में कुछ दिनों तक नर्सिंग होम में काम भी किया है। इसलिए उन्हें इंजेक्शन का आइडिया था।
साल 2003 में अखिलेश की मां औऱ मुलायम सिंह यादव की पहली पत्नी मालती देवी के निधन के बाद ही मुलायम सिंह ने सार्वजनिक तौर पर साधना को अपनी पत्नी का दर्जा दिया जो उनसे उम्र में 20 साल छोटी हैं। कहा जाता है कि एक बार जब मुलायम ने अखिलेश की साधना से मुलाकात करवाई तो उन्हें वो अच्छी नहीं लगी। साधना गुप्ता समाजवादी पार्टी के ही एक कार्यकर्ता कमलापति की बेटी थी। साधना गुप्ता की 1986 में चंद्रप्रकाश गुप्ता शादी भी हुई लेकिन यह ज्यादा नहीं चल सकी और जल्द ही दोनों अलग हो गए। बाद में साधना और मुलायम में मुलाकातें होते रहती थी।
कहा जाता है कि 1994 में जब प्रतीक यादव ने स्कूल के एक फॉर्म में अपने पिता का नाम एमएस यादव और पते में मुलायम सिंह यादव के दफ्तर का पता दिया तो तब कुछ लोगों को इस बारे में भनक लगी। 2003 में जब मुलायम सिंह यादव की पहली पत्नी का निधन हुआ तो बाद में मुलायम ने साधना को अपनी पत्नी का दर्जा दे दिया। 2007 में मुलायम ने अपने खिलाफ चल रहे आय से अधिक संपत्ति वाले मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक शपथपत्र देते हुए स्वीकार किया कि साधना गुप्ता उनकी पत्नी और प्रतीक उनका बेटा है।