हरिद्वार में कांवड़ यात्रा को लेकर पुलिस हुई सतर्क, भड़काऊ गाने बजाने वालों पर रखेगी पैनी नजर
देश में कई जगहों पर हाल ही में हुए सांप्रदायिक उन्माद और तनाव को कांवड़ मेले से दूर रखना सरकार और पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है. 14 जुलाई से हरिद्वार में शुरू होने जा रहे कांवड़ मेले को सकुशल संपन्न कराने और संप्रदायिक घटनाओं से बचाने के लिए पुलिस और प्रशासन खासा सतर्कता बरत रहा है. इस चुनौती से निपटने के लिए पुलिस ने खुफिया तंत्र को सक्रिय कर दिया है.
वहीं पुलिस सामाजिक रूप से सक्रिय रहने वाले लोगों, व्यापारियों और साधु-संतों के साथ चर्चा और अन्य लोगों को जागरूक करने कवायद कर रही है. कावड़ यात्रा के दौरान कोई संप्रदाय विशेष पर टिप्पणी करने वाले और भड़काऊ गाने ना बजाएं इस पर पुलिस की खास नजर रहेगी. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जो भी माहौल खराब करने का प्रयास करेगा उस पर सख्त एक्शन होगा.
हरिद्वार के एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार सिंह कहते हैं, ‘हम लोग इस पर लगातार होमवर्क कर रहे हैं. इंटेलिजेंस विंग को सक्रीय कर दिया गया है. हर एक थाने को निर्देशित भी किया गया है कि आप अपने अपने क्षेत्र में जो संभ्रांत व्यक्ति हैं, उनसे मीटिंग कर लें, लोगों को जागरूक और अपील करें कि कावंड यात्रा को सकुशल संपन्न कराने में सहयोग करें.’ वहीं यात्राओं के दौरान भड़काऊ गानों को लेकर सवाल पर उन्होंने कहा कि ऐसी चीज़ों को नियंत्रित करने के लिए हमलोगों का पूरा प्रयास रहेगा.
हरिद्वार के साधु-संत भी मानते हैं कि कावड़ यात्रा धर्म की यात्रा है. इस यात्रा में असामाजिक तत्वों के लिए कोई जगह नहीं है. इसलिए भड़काऊ और उत्तेजित करने वाले गाने कावड़ यात्रा में नहीं बजाए जाने चाहिए और जो भी हुड़दंगी ऐसा करते हैं प्रशासन को उन पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए.
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी कहते हैं, ‘यह धार्मिक आस्था का प्रश्न है और इसमें किसी भी प्रकार के असामाजिक तत्व माहौल को बिगाड़ते हैं तो पुलिस को उनके खिलाफ सख्त कदम उठाना चाहिए. डीजे पर उत्तेजित करने वाले गाने नहीं बजने चाहिए. पुलिस को उन पर अंकुश लगाना चाहिए.’ वह कहते हैं कि भगवान शिव तो शांत प्रवृति के हैं तो उनके भक्तों को भी शांति से यहां आकर गंगा जल अर्पित करना चाहिए.
धर्मनगरी हरिद्वार में 3 सालों के बाद इस बार बिना किसी प्रतिबंध के कांवड़ मेला आयोजित होगा, जिसमें करीब चार करोड़ शिव भक्तों के पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही हैं. आस्था के इस सैलाब में किसी भी तरह की संप्रदायिक घटना ना घटे इसके लिए अधिकारी दिन-रात कसरत कर रहे हैं.