रिलायंस समूह के चेयरमैन मुकेश अम्बानी का नाम दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों में शुमार है। वर्ष 2002 में रिलायंस इंडस्ट्रीज के संस्थापक धीरूभाई अंबानी के निधन के बाद कंपनी की बागडोर उनके हाथो में आ गई थी। कंपनी के विस्तार और उन्नति में उनके योगदान से रिलायंस वैश्विक बाजार में अपनी पैठ बनाने में सफल रही।
मुकेश अंबानी की उम्र 65 साल हो गई है और अब वह कंपनी का उत्तराधिकार अगली पीढ़ी को सौंपने की तैयारी में है। अपने तीनो बच्चो में कंपनी को बांटने के बारे में वे अत्यंत गंभीरता से विचार कर रहे है। पिछले वर्ष धीरूभाई अंबानी के जनमदिन पर आयोजित होने वाले रिलायंस फैमिली डे फंक्शन में मुकेश अंबानी ने इसका संकेत देते हुए कहा था कि “नयी पीढ़ी लीडरशिप की ज़िम्मेदारियों के लिए तैयार है। हमे उन्हें गाइड करना चाहिए, उन्हें सक्षम बनाना चाहिए और उनका उत्साह बढ़ाना चाहिए। हमे आराम से बैठकर नयी पीढ़ी को हमसे बेहतर परफॉर्म करते देखना चाहिए और उनकी सराहना करनी चाहिए।”
इस दिशा की ओर पहल करते हुए मुकेश अंबानी ने रिलायंस जियो की कमान आकाश अंबानी को दे दी है। ब्राउन यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में स्नातक आकाश अंबानी को रिलायंस जियो के काम सौंपना नई पीढ़ी को नेतृत्व सौंपने के रूप में देखा जा रहा है। हालाँकि अंबानी ने रिलायंस जियो से इस्तीफ़ा दे दिया है पर वह जियो प्लेटफॉर्म्स लिमिटेड के चेयरमैन बने रहेंगे।
बता दें कि साल 2002 में धीरूभाई अंबानी के निधन के बाद मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी के बीच संपत्ति बंटवारे को लेके लंबा विवाद चला और सार्वजनिक बयानबाजियां भी हुई, जिनको उनकी माता कोकिलाबेन अंबानी की दखल के बाद विराम दिया गया। इस बार मुकेश अंबानी ऐसी किसी बात की गुंजाईश नहीं छोड़ना चाहते है।
रिलायंस कंपनी को सक्सेशन प्लान के तहत तीन वर्टीकल में बांटा गया है। आयल रिफाइनिंग एंड पेट्रोकेमिकल ,रिटेल और डिजिटल सर्विसेज रिलायंस कंपनी के मुख्य वर्टीकल है। आकाश अंबानी को डिजिटल वर्टीकल सौंपे जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। वही दूसरी ओर ईशा अंबानी को रिटेल वर्टीकल में आगे बढ़ाया जा रहा है। अनंत अंबानी के लिए आयल रिफाइनिंग एंड पेट्रोकेमिकल वर्टीकल बच जाता है।
मुकेश अंबानी का सक्सेशन प्लान कैसे अमल किया जाता है, ये तो वक़्त ही बताएगा।