कल फिर जुमे की नमाज के बाद बवाल की आशंका ? पूरी तैयारी में UP पुलिस
3 जून को कानपुर में हुई हिंसा के बाद प्रदेश के कई जिलों में बवाल हो गया था। इसके बाद पिछले जुमे की नमाज के बाद भी कई जगहों पर हिंसा भड़की और सैकड़ों उपद्रवियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया। अब 17 जून को हिंसा के बाद दूसरे जुमे की नमाज है और प्रशासन फिर हाई अलर्ट पर आ गया है। सेंसिटिव एरिया में ड्रोन से निगरानी की जा रही हैं और उपद्रव होने पर सख्त कार्रवाई की वॉर्निंग भी।
कल जुमा है और उत्तर प्रदेश पुलिस इससे पहले अलर्ट हो गई है। जुमे की नमाज़ के बाद हिंसा की आशंका के मद्देनज़र लखनऊ, प्रयागराज, बरेली, गोरखपुर सहित कई शहरों में सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए जा रहे हैं। राजधानी लखनऊ में 61 संवेदनशील इलाकों को चिन्हित किया गया है। साथ ही भीड़भाड़ वाली 70 मस्जिदों पर खास निगह रखी जा रही है।
लखनऊ में ड्रोन से निगरानी की भी तैयारी है। पूरे शहर को 37 सेक्टर में बांटा गया है। छतों पर ईंट-पत्थर पाए जाने पर मकान मालिक पर सीधे कार्रवाई की जाएगी। वहीं प्रयागराज में शांति बरक़रार रखने के लिए जिला प्रशासन और पुलिस ने धर्मगुरुओं के साथ मीटिंग की है, जिसके बाद यह फैसला हुआ है कि इस बार नमाज से पहले मस्जिदों में वॉलिंटियर लगाए जाएंगे। प्रयागराज के मस्जिदों में लगाए जाने वाले वॉलिंटियर नमाज में जाएंगे और नजर रखेंगे, कुछ भी गड़बड़ी होने पर पुलिस को सूचित करेंगे। वॉलिंटियर इस बात का ध्यान रखेंगे कि नमाजियों की आड़ में अराजकतत्व मस्जिदों में दाखिल न हो सकें। उधर हिंसा के आरोपियों पर कोर्ट का रूख भी बेहद सख्त है।
वहीं प्रयागराज में पिछले शुक्रवार यानी 10 जून को जुमे की नमाज के बाद अटाला में उपद्रव के बाद अब प्रशासन कल जुमा को लेकर पूरी तरह से अलर्ट है। इसी के तहत आज सुबह से ही अटाला में भारी फोर्स तैनात है। आरएफ ने अटाला में फ्लैग मार्च भी किया।
अफसरों की पूरी कोशिश है कि इस बार किसी तरह का बवाल न होने पाए। पिछले जुमे पर बवाल में जिन उपद्रवियों की फुटेज सामने आई है, उनकी जांच के लिए एसएसपी ने एक जांच कमेटी बना दी है। वहीं, जुमे की नमाज के पहले से बाद तक वीडियो कैमरा और फोटोग्राफर सक्रिय रहेंगे।
प्रयागराज जिला अदालत ने पत्थरबाजी के सात और आरोपी की जमानत अर्जी ठुकरा दी है। जिला अदालत अब तक 21 आरोपियों की जमानत अर्जी को खारिज कर चुकी है। कोर्ट ने कहा है आरोप गंभीर प्रकृति के अपराध के हैं इसलिए जमानत का आधार नहीं बनता। इसके साथ ही प्रयागराज विकास प्राधिकरण भी आरोपियों की संपत्ति का लेखा-जोखा तैयार रहा है, जिनपर कभी भी बुलडोज़र चल सकता है।