क्या भारत में पेट्रोल- डीजल खत्म, जानें क्या हैं हालात
पेट्रोल पंप एसोसिएशनों का कहना है कि तेल कंपनियां मांग के अनुसार आपूर्ति नहीं कर रही हैं। इस कारण किल्लत हो रही है। पंपों को आठ घंटे ही खुला रखने की बात कही जा रही है। हालांकि, इस मामले में अभी सरकार व तेल कंपनियों की ओर से कोई बयान नहीं आया है। आइये जानते हैं राज्यों में क्या हैं हालात-
राजस्थान की राजधानी जयपुर में सैकड़ों पंपों पर डीजल बिक्री बंद हो गई है। मंगलवार से पेट्रोल और डीजल की किल्लत शुरू हो सकती है। एचपीसीएल और बीपीसीएल कंपनी ने पेट्रोल और डीजल की आपूर्ति रोक दी है। ऐसे में प्रदेशभर के तकरीबन 2500 पेट्रोल पंप सूखने की कगार पर हैं। राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने इसे लेकर एसोसिएशन की ओर से पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी को पत्र भी लिखा है। राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनीत बगई का कहना है कि प्रदेश में एचपीसीएल और बीपीसीएल कंपनी की ओर से पेट्रोल पंप डीलर्स को कंपनी से पेट्रोल-डीजल की आपूर्ति नहीं की जा रही है। पेट्रोल पंप ड्राई होने से उपभोक्ताओं को परेशानियां आ रही हैं।
उत्तराखंड के हरिद्वार व रूड़की समेत कुछ शहरों में पंपों पर सोमवार को पेट्रोल खत्म होने की खबर फैलते ही लोगों में हड़कंप मच गया। पेट्रोल पंपों पर लोगों की लंबी लाइन लग गई। कुछ स्थानों पर तो भीड़ को कंट्रोल करने के लिए पुलिस को बुलाना पड़ा। लोग वाहनों की टंकियां फुल कराने लगे। इसके कारण दोपहर बाद रुड़की और कस्बों के अधिकांश पेट्रोल पंप पर पेट्रोल ही नहीं मिल पाया। कार एवं दोपहिया वाहन चालक इधर से उधर दौड़ते हुए नजर आए। हरिद्वार पेट्रोलियम डीजल ट्रेडर्स एसोसिएशन के संरक्षक राकेश अग्रवाल ने बताया कि कुछ अफवाहों के चलते पंपों पर लोगों की लाइन लग गई। रुड़की शहर में हिंदुस्तान पेट्रोलियम, इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम के कुल मिलाकर 12 पेट्रोल पंप हैं। सोमवार को इनमें से पांच पर पेट्रोल खत्म होने के नोटिस चस्पा हो गए थे।
उत्तर प्रदेश के कैराना में दो दिन से पंपों पर डीजल-पेट्रोल नहीं मिलने के कारण वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कैराना में यमुना पुल के पार सनौली रोड पर भी कई पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल व डीजल नहीं है। पेट्रोल पंप मालिकों के अनुसार मेरठ डिपो की कंपनी को प्रतिदिन डीजल-पेट्रोल पर प्रति लीटर 10 से 12 रुपये का घाटा उठाना पड़ रहा है। इसके चलते डिपो से डीजल पेट्रोल के टैंकर कम संख्या में भेजे जा रहे हैं।
गुजरात के अहमदाबाद में भी ईंधन की किल्लत महसूस की जा रही है। शहर में सोमवार को पंपों पर लंबी कतारें लगीं। पेट्रोल पंप डीलरों का कहना है कि हिंदुस्तान पेट्रोलियम और भारत पेट्रोलियम लि. द्वारा बीते दो तीन दिनों से 50 फीसदी आपूर्ति कम की जा रही है। हालांकि, आईओसी के पंप पर आपूर्ति कम होने की सूचना नहीं है।
हिमाचल प्रदेश से खबर है कि सिरमौर, पांवटा साहिब. नाहन, खादरी, रेणुकाजी समेत कुछ शहरों व कस्बों में ईंधन का संकट पैदा हो गया है। कुछ पंप खाली हो गए हैं तो किसी में थोड़ा बहुत ईंधन बचा है। पंप मालिकों का कहना है कि पीछे से ईंधन की आपूर्ति नहीं हो रही है। इस वजह से पंप खाली हो रहे हैं। पेट्रोल-डीजल की आपूर्ति कम हो गई है।
मध्य प्रदेश के भी कई शहरों में मांग के अनुसार तेल की आपूर्ति नहीं हो रही है। मध्य प्रदेश पेट्रोल पंप एसोसिएशन ने प्रदेश के मुख्य सचिव को पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए जाएं कि उन्हें मांग के अनुसार पेट्रोल-डीजल की आपूर्ति की जाए। हालांकि, प्रदेश में फिलहाल अन्य राज्यों जितनी किल्लत नहीं बताई जा रही है। मप्र पेट्रोप पंप एसो. के अध्यक्ष अजय सिंह ने बताया कि खरीफ की फसलों की बोआई शुरू होने वाली है। गांवों में ट्रैक्टरों के इस्तेमाल से डीजल की खपत चार गुना बढ़ जाएगी। अभी से किल्लत है तो आगे क्या होगा। सरकार को जल्द कदम उठाना चाहिए।
कई पेट्रोल पंप एसो. का कहना है कि विश्व बाजार में तेल के दाम बहुत बढ़ गए हैं। तेल कंपनियों को प्रति लीटर से 15 से 20 रुपये लीटर का घाटा हो रहा है, इसलिए वे सप्लाई कम कर रही हैं। तेल उद्योग से जुड़े सूत्रों का कहना है कि तेल कंपनियों को डीजल पर 23 और पेट्रोल में 16 रुपये प्रति लीटर घाटा हो रहा है, इसलिए आपूर्ति कम की जा रही है। बता दें, केंद्र सरकार ने 21 मई को पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क घटा दिया था। इससे पेट्रोल-डीजल के दाम घट गए हैं। पर ब्रेक लग गया था। कीमतें कुछ कम हो गई थी। तभी से तेल कंपनियां घाटा बता रही हैं।