उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक सोमवार सुबह अचानक नोएडा पहुंचे। जिला अस्पताल में औचक निरीक्षण के दौरान स्वास्थ्य सुविधाओं का हाल जान मरीजों से बात की। निरीक्षण के दौरान उपस्थिति रजिस्टर में स्वास्थ्यकर्मियों की एडवांस उपस्थिति दर्ज देख भड़क उठे। मामले में जांच के बाद प्रबंधन को कार्रवाई के लिए निर्देशित किया है।
डिप्टी सीएम का काफिला सुबह करीब 9:45 बजे अस्पताल परिसर में पहुंचा। डिप्टी सीएम गाड़ी से उतरने के बाद सीधा पंजीकरण काउंटर के पास जाकर पर्चा बनवाने के लिए लाइन में लग गए। डिप्टी सीएम के अस्पताल में होने से अंजान सीएमएस डा विनीता अग्रवाल अस्पताल के सभी वार्डों का औचक निरीक्षण कर रही थीं। लेकिन जब जानकारी हुई कि डिप्टी सीएम के लाइन में लगे तो मौके पर पहुंची।
इस दौरान डिप्टी सीएम ने अस्पताल की सफाई व्यवस्था देखी। मरीजों से बात करने के साथ दवाओं, पेयजल, भोजन सहित अन्य व्यवस्थाओं का जायजा लिया। फिर ओपीडी कक्ष में गए। जहां कक्ष के बाहर मरीजों की लाइन देख भड़क उठे। फिजीशियन कक्ष और स्त्री रोग ओपीडी के बाहर जमीन पर बैठे मरीजों के लिए लिए उचित प्रबंधन के लिए कहा। तीमारदारों और मरीजों से बात की। पूछा कि किस बीमारी के लिए वह आए हुए हैं और क्या इलाज चल रहा है इसकी जानकारी ली।
डिप्टी सीएम ने होम्योपैथी, औषधि वितरण कक्ष, कोविड हेल्प डेस्क भी देखी। इसके बाद सीएमएस कक्ष पहुंचकर डाक्टरों का सीएल और ईएल रजिस्टर देखा। यहां रजिस्टर में पांच स्वास्थ्यकर्मियों की उपस्थिति एडवांस में देख भड़क उठे। सीएमएस को जांच के बाद कार्रवाई के लिए कहा। सीएमएस को निर्देश दिए कि जो चीज प्रयोग की जाए इधर-उधर न फेंका जाए। उसको सही प्रक्रिया से डिस्पोज कराया जाए।
सीएमएस को निर्देश दिए की ठंडे पानी की व्यवस्था की जाए, किसी भी नल में गर्म पानी नहीं आना चाहिए। अस्पताल में स्ट्रेचर, ट्राई साइकिल की व्यवस्था के निर्देश दिए। एडवांस उपस्थिति दर्ज कराने वाले स्वास्थ्यकर्मी अगर गैर हाजिर रहे तो वेतन काटा जाएगा। कड़ी कार्रवाई भी हो सकती है। डिप्टी सीएम बृजेश पाठक के आने से हड़कंप मचा रहा।